तीरंदाज, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पत्नी ने ऐसी हरकत की है कि हाईकोर्ट को भी कहना पड़ा यह क्रूरता है। दरअसल पत्नी ने पति द्वारा अपनी बेटी की शादी के लिए सालों तक पैसे जमा कर जो जेवर जुटाए थे उन जेवरों को पत्नी ने गिरवी रख 12 लाख रुपए का लोन ले लिया। जब हाईकोर्ट में तलाक का मामला पहुंचा तो यह जानने के बाद कोर्ट ने इसे पति के खिलाफ क्रूरता माना और तलाक की डिक्री मंजूर कर ली।
मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर में एसईसीआर में गार्ड की नौकरी करने वाले एस राजू की 31 जनवरी 1986 में शहडोल की रहने वाली रानी से शादी हुई। दोनों के दो बच्चे एक बेटा व एक बेटी है। शादी के 25 साल बाद 2011 में पत्नी अलग हो गई और मायके चली गई। इसके बाद राजू ने अपनी पत्नी को वासप लाने का काफी प्रयास किया लेकिन वह नहीं लौटी।
दोनों बच्चे राजू के साथ ही रहते थे। राजू ने अपनी बेटी की शादी के लिए जेवर जमा कर रखे थे जिसे उसकी पत्नी लेकर चली गई थी। जब जेवर वापस मांगे तो तो पता चला कि पत्नी ने सारे जेवर गिरवी रख लगभग 12 लाख रुपए लोन ले लिया। इसके बाद पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई। फैमिली कोर्ट ने 6 जुलाई 2017 को इनकी तलाक की अर्जी खारिज दी। इसके बाद राजू ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी।
सुनवाई के दौरान पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्नी ने पति पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अपने पति पर पड़ोस में रहने वाली महिला डॉक्टर से अवैध संबंध होने का आरोप लगाया। हालांकि महिला अपने आरोप कोर्ट में साबित नहीं कर पाई। वहीं कोर्ट ने पति द्वारा बेटी के लिए जमा किए जेवर को बाजार में गिरवी रखने को क्रूरता माना। इसके बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने तलाक की डिक्री भी मंजूर कर ली है।
हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने कहा कि बेटी की शादी के लिए पति ने जेवर जमा किए उसे गिरवी रखना और किसी दूसरी महिला से अवैध संबंधों का आरोप लगाकर पति की छवि को खराब करना पति के साथ क्रूरता की श्रेणी में आता है। इसके साथ ही कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1) के तहत विवाह-विच्छेद की डिक्री मंजूर कर ली।