भिलाई। स्कूल लाइफ के 12 साल कैसे रहे, मानसिक विकास में टीचर्स का क्या योगदान रहा और किस तरह की बाधाओं से सामना हुआ। ऐसे ही कुछ अनुभव सीनियर्स ने अपने जूनियर साथियों के साथ शेयर किये। मौका था माइलस्टोन अकादमी के 12वीं के छात्रों की विदाई का। स्कूल की जुनवानी स्थित जूनियर विंग में आयोजित समारोह में कक्षा 11वीं के छात्र छात्राओं ने सीनियर्स को विदाई दी और बेहतर भविष्य की कामना की।
समारोह की शुरुआत में कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं का 11वीं कक्षा के छात्र छात्राओं द्वारा स्वागत किया गया। इसके बाद सभी छात्र-छात्राओं ने प्रार्थना की। कक्षा 11वीं के छात्र-छात्राओं द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी गई। रंगारंग सास्कृतिक कार्यक्रमों के बीच स्टूडेंटस ने जमकर मस्ती की। इस मौके पर कक्षा 12वीं के 145 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।
साझा किए अपने अनुभव
इस मौके पर कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं ने माइलस्टोन अकेडमी में वर्षों तक पढ़ाई करने के अपने अनुभवों को साझा किया। छात्र-छात्राओं ने बताया कि इतने वर्षों में उन्हें इस स्कूल से क्या मिला। छात्र-छात्राओं ने बताया कि माइलस्टोन स्कूल से उन्हें शिक्षा के साथ फिजिकल एक्टिविटीज में भी एक्टिव रखा गया। स्कूल में 12 वर्षों का सफर कैसे पूरा हो गया यह भी पता नहीं चला।
भावुक हुए टीचर्स
कार्यक्रम के दौरान स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी अपनी बातें रखी। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भावुक होते हुए कहा कि इतने वर्षों का साथ आज समाप्त हो रहा है। सभी छात्र यहां से निकलकर बेहतर कल बनाएं और स्कूल का नाम रोशन करें। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कहा कि हमने स्टूडेंटस को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया है और अब छात्रों के हाथ में ही उनका भविष्य है। सभी जीवन के ऊंचे पदों पर रहें यही हमारी कामना है।
छात्रों ने छोड़े इच्छाओं के गुब्बारे
कोरोना के कारण लंबे समय बाद हो रहे मेल मिलाप के इस आयोजन में छात्र-छात्राओं के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। कार्यक्रम के दौरान सभी छात्र-छात्राओं ने अपनी-अपनी इच्छाओं के गुब्बारे आसमान में छोड़े। स्कूल की टीचर्स ने प्रार्थना की कि न केवल बच्चों की इच्छाएं आसमान को छुएं, बल्कि पूरी भी हों।
सफलता की नई ऊंचाइयां छुएं
कार्यक्रम में माइलस्टोन अकेडमी की डायरेक्टर डॉ. ममता शुक्ला भी मौजूद रही। उन्होंने स्टूडेंट्स के साथ जमकर मस्ती की। उन्होंने कहा कि सभी छात्र छात्राएं सफलता की ऊंचाइयां छुएं। आगे जाकर सभी को प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने आप को साबित करना है, इसलिए पूरी लगन, एकाग्रता के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें। आप लोगों में से ही कोई आईएएस बनेगा, कोई आईपीएस बनेगा तो कोई इंजीनियर व डॉक्टर बनेगा। कोई कहीं भी रहे अपने संस्कार न भूले और सदा जरूरतमंदों की सहायता करें।