रायपुर। राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा कांड की एक बार फिर से चर्चा हो रही है। इस बार इस कांड की चर्चा विधानसभा में बुधवार को पेश किए एक जांच आयोग की रिपोर्ट के कारण हो रही है। दरअसल बुधवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जस्टिस शंभुनाथ श्रीवास्तव द्वारा की गई न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में रखी। इस रिपोर्ट में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता पर उंगली उठ रही है।
बता दें मदनवाड़ा कांड 12 जुलाई 2009 को हुआ था। उस दिन सुबह राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा गांव के पास नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस टीम पर बड़ा हमला किया था। नक्सलियों के इस हमले में तात्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। नक्सलियों के हमले में एसपी के शहीद होने का यह पहला मामला था। बुधवार को इसी कांड़ को लेकर हुई जांच रिपोर्ट विधानसभा में रखी गई।
सीएम बघेल द्वारा विधानसभा में रखी गई इस रिपोर्ट में मुताबिक मदनवाड़ा कांड में निलंबित IPS मुकेश गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट मेंआईपीएस मुकेश गुप्ता भूमिका पर कहा कि उन्होंने एसपी विनोद चौबे को नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए भेज दिया और खुद अपनी बुलेटप्रूफ कार में बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने कुछ भी नहीं किया।
नक्सलियों को नहीं पहुंचा नुकसान
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया और इधर हमारे जवानों की ओर से भी फायरिंग का दावा किया गया। जबकि हमारे 29 जवान शहीद हो गए और एक भी नक्सली को चोट नहीं आई। आयोग ने पुलिस द्वारा जवाबी हमले की बात भी सवाल उठाएं हैं। आयोग ने कहा है कि कुछ गवाहों ने दावा किया है कि उन्होंने नक्सलियों पर गोली चलाई, लेकिन उसका असर नहीं हुआ।
घटना क्षेत्र में दिनभर रहे आईपीएस गुप्ता
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता मदनवाड़ा कांड के दिन सुबह से शाम तक घटना क्षेत्र में मौजूद रहे। इस घटना के बाद नक्सलियों ने एक सीडी भी जारी कि जिसमें वे एसपी सहित 29 पुलिस कर्मियों का जश्न मना रहे हैं। आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि नक्सलियों द्वारा जारी यह सीडी आईपीएम मुकेश गुप्ता की लापरवाही को दिखाने के लिए काफी है।
पुलिस के आने की नक्सलियों को पहले से थी जानकारी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नक्सलियों को पुलिस मुवमेंट की जानकारी पहले से थी। नक्सली पुलिस का वायरलेस मैसेज इंटरसेप्ट कर रहे थे। जांच में आया कि मदनवाड़ा के एम्बुश के बाद नक्सलियों ने पुलिस का एक मैसेज पकड़ा। उसके बाद उन्होंने कोरकोट्टी गांव में एक एम्बुश लगाया।
यही नहीं खुफिया विभाग ने इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में नक्सलियों के होने की सूचना भी आईजी जोन को दी थी इसके बाद भी पुलिस के जवान बिना किसी तैयारी के उस ओर निकल गए। नक्सलियों ने पूरी योजना के साथ पुलिस कर्मियों को निशाना बनाया।