इंदौर। खरमास की शुरूआत 15 मार्च से होने जा रही है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में खरमास को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, लेकिन नए और शुभ कार्यों को करने की इसमें मनाही होती है। इंदौर के ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश व्यास ने बताया कि जब सूर्य देवगुरु बृहस्पति राशि मीन में प्रवेश करता है, तो खरमास शुरू हो जाता है, जिसे मलमास या अधिकमास भी कहा जाता है।
मीन देवगुरु की जलीय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है। बीमारियां और रोग बढ़ते हैं, लोगों के मन में चंचलता आ जाती है। इस महीने में नए या शुभ काम नहीं किए जाते हैं। नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार इस महीने में करने पर प्रतिबंधित होता है।
इस समय नए मकान का निर्माण और संपत्ति का क्रय करना वर्जित होता है. इस अवधि में बनाए गए मकान आमतौर पर कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता। नया व्यवसाय या नया कार्य आरम्भ न करें। मलमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है। इस बार खरमास 15 मार्च 2022 से शुरू हो जाएंगे और 14 अप्रैल 2022 को खत्म होगा। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता है। मान्यता है कि इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है।
खरमास में क्या करें
– जमीन पर सोना चाहिए, इससे सूर्यदेव की कृपा मिलती है।
– थाली छोड़कर पत्तल में भोजन करना शुभकारी होता है।
– लड़ाई-झगड़ा से बचना चाहिए, झूठ नहीं बोलना चाहिए।
– मांस-मदिरा आदि के सेवन से बचना चाहिए।
– भगवान विष्णु की पूजा से लाभ मिलता है, मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
– घरेलू समस्याएं हों, तो शाम को तुलसी पौधे पर घी दीपक जलाएं।