रायपुर। छत्तीसगढ़ में सालों पहले बहुत से लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था। लोग हिंदू धर्म छोड़कर अन्य दूसरे धर्मों में शामिल हो गए थे। अब वे स्वयं की प्रेरणा से घर वापसी की ओर हैं। तीन दिनों पहले लगभग 500 लोगों ने, उसके बाद लगातार कुछ दिनों में लगभग डेढ़ हजार लोगों ने सनातन धर्म में वापसी कर ली है।
हिंदू धर्म में लौटने वाले परिवारों ने बताया था कि करीब 3 पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों का धर्मांतरण हुआ था। धर्म में वापसी करने इस बार महासमुंद के कटांगपाली गांव में बड़ा आयोजन किया गया, जो लगातार जारी है। 22 मार्च 2022 को आयोजित विश्व कल्याण महायज्ञ में 1250 लोगों ने घर वापसी की।
आर्य प्रतिनिधि समाज की ओर से आयोजित महायज्ञ में बीजेपी के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इनकी गंगाजल से चरण धोकर मूल सनातन धर्म में वापसी करवाई। उसके बाद लगातार वापसी कर रहे लोगों में ढाई सौ लोग और शामिल हुए।
धर्म वापसी के दौरान चरण धोते समय जूदेव ने कहा कि जब तक धर्मांतरण के शिकार हुए हर व्यक्ति की सनातन धर्म में वापसी नहीं होती है तब तक घर वापसी का अभियान लगातार चलता रहेगा। उन्होंने उपस्थित लोगों से हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराने वालों का विरोध करने की भी अपील की। इस कार्यक्रम में मुख्यतः स्वामी देव नंद, आचार्य अंशुदेव आर्य, राजेन्द्र भाई साहब, नंदकुमार साय, पंडित ऋषिराज आर्य, पंडित पंकज भारद्वाज, रामचन्द्र अग्रवाल समेत अन्य लोग मौजूद थे।
गौरतलब है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव के खूंटापानी में 400 परिवार के 1200 लोगों को हिंदू धर्म में वापसी कराई गी थी। प्रबल प्रताप सिंह ने उस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हुए कहा था कि हिंदुत्व की रक्षा करना उनके जीवन का एकमात्र संकल्प है। उन्होंने बताया कि घर वापसी करने वाले अधिकांश परिवार बसना सराईपाली के थे।
हिंदू धर्म में लौटने वाले परिवारों ने बताया था कि करीब 3 पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों का धर्मांतरण हुआ था। उस वक्त वे बेहद गरीब थे और मिशनरियों की ओर से कुछ आर्थिक मदद और बीमारियों में इलाज की सहायता मिलने का प्रलोभन मिलने के बाद धर्म परिवर्तन कर लिया था।
बता दें कि प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के पिता दिलीप सिंह जूदेव अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री थे। राजपरिवार से जुड़े दिलीप सिंह जूदेव ने ही चरण पखारकर उन आदिवासियों की मूल धर्म में वापसी करवाने का अभियान शुरू किया था जो ईसाई मिशनरियों के झांसे में आकर धर्म परिवर्तन कर लेते थे। अगस्त 2013 में उनके निधन के बाद से इस सिलसिले को उनके बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अभियान के बारे में बताया कि पिता जी के निधन होने के बाद से मैं इस कार्य को आगे बढ़ा रहा हूं। छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा जैसे राज्यों में हमलोग 10 हजार से अधिक लोगों की इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए घर वापसी करवा चुके हैं। यह पवित्र काम है। देश निर्माण का काम है। इसे मेरे पिता ने शुरू किया और इससे जुड़कर मैं बहुत गौरवान्वित हूं।
(TNS)