Tirandaj Desk। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद थोक खरीदारों को बेचे जाने वाले डीजल के दाम में करीब 25 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन पेट्रोल पंपों पर खुदरा दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बता दें कि वैश्विक स्तर पर तेल और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 4 नवंबर, 2021 से पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है।
डीजल के थोक खरीदार में सरकारी बस के बेड़े, मॉल, हवाई अड्डों, इंडस्ट्री आदि शामिल होते हैं, जो बिजली पैदा करने के लिए डीजल का उपयोग करते हैं। इनके लिए डीजल की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। गौरतलब है कि सरकारी तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी नहीं करने से प्राइवेट कंपनियों को बड़ा नुकसान हो रहा है।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि सरकारी कंपनियों द्वारा दाम नहीं बढ़ाने से प्राइवेट तेल कंपनियों का नुकसान बढ़ा है। सबसे ज्यादा नुकसान नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसे निजी खुदरा विक्रेताओं को हुआ है, जिन्होंने अब तक बिक्री में उछाल के बावजूद किसी भी मात्रा में कटौती करने से इनकार कर दिया है। मगर, अब 136 दिनों के लिए स्थिर दरों पर अधिक ईंधन बेचने की तुलना में पंपों को बंद करना अधिक व्यावहारिक समाधान है।
बताते चलें कि साल 2008 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश में अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे। इसकी बिक्री लगभग शून्य थी क्योंकि यह सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा दी जाने वाली रियायती कीमत से मुकाबला नहीं कर पा रही थी।
उन्होंने कहा कि इसी तरह की स्थिति एक बार फिर से बन रही है। मुंबई में थोक उपयोगकर्ताओं को बेचे जाने वाले डीजल की कीमत बढ़कर 122.05 रुपए प्रति लीटर हो गई है, जबकि पेट्रोल पंपों पर खुदरा रूप में बेचे जाने वाले ईंधन की कीमत 94.14 रुपए प्रति लीटर है।