जशपुर। आर्थिक रूप से कमजोर, भोले-भाले मासूम, कम पढ़े-लिखे परिवार को दलाल पैसों का लालच देकर उनके बच्चों को बड़े शहरों में बेचने का मामला फिर सामने आया है। इस बार मामला जशपुर जिले का है। नौकरी का झांसा देकर नाबालिग युवतियों को दिल्ली में बेचने वाले आरोपी महेश यादव को तपकरा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बता दें कि खासकर लड़कियों को अच्छी नौकरी दिलाने का लालच देकर देश के महानगरों में बेचने का सिलसिला जारी है। बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के ऐसे बच्चे मिल जाएंगे जो दलालों के चंगुल में फंसकर जीवन बर्बाद कर रहे हैं। इस बार दो नाबालिग बहनों को अच्छी नौकरी का झांसा देकर फंसाया गया है। उन्हें जशपुर जिले से दिल्ली ले जाकर बेच दिया गया था।
बच्चियां जब दिल्ली पहुंची और उन्हें घरेलू काम में लगा दिया गया तब उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है। बच्चियों ने किसी तरह घर संपर्क कर अपनी स्थिति बताई तब मामला पुलिस में पहुंचा। धोखा देने वाले आरोपी महेश यादव को तपकरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की टीम ने दोनों बहनों को दिल्ली से बरामद कर परिजनों को सौप दिया है।
पिछली बार चार बच्चियों को नागपुर व पुणे जाने से रोका गया था
ऐसा ही एक मामला पिछले साल बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के एक गांव में सामने आय़ा था। वहां रहने वाली 1 युवती व 3 नाबालिगों को महाराष्ट्र के नागपुर और पुणे में काम दिलाने का झांसा देकर बेचने ले जा रहे थे।। समय पर मामले का का पता चला तो जांजगीर-चांपा जिले के तस्कर को पुलिस ने बिलासपुर बस स्टैण्ड से पकड़ा था। आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज करने के बाद पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया।
महाराष्ट्र की बजाय ले जा रहे थे जम्मू कश्मीर
मस्तूरी थाना प्रभारी फैजूल होदा शाह के अनुसार थाना क्षेत्र के एक गांव में युवतियों को नौकरी के नाम पर बाहर ले जाने की सूचना मिली थी। पता चला कि जांजगीर-चांपा जिले के कोटमी सोनार गांव में रहने वाला दयानंद पिता सत्यनारायण सोनी (24) आया था। उसने गांव की लड़कियों को महाराष्ट्र के नागपुर और पुणे में काम दिलाने की बात कहकर साथ ले जाने की बात कही थी। बाद में युवतियों को महाराष्ट्र की बजाय जम्मू कश्मीर जाने की बात सामने आई। शिकायत पर पुलिस ने दयानंद के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया और बच्चियों को रोका गया था।
(TNS)