हैदराबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्र का हित हिंदुओं के हित में है। इस दौरान उन्होंने हाल के दिनों में हुई धर्म संसद में संतों के विवादित बयानों को खारिज किया।
संघ प्रमुख ने कहा कि मेरा अपना हित, मेरे परिवार का हित, भाषा का हित, मेरी जाति का हित, मेरे प्रांत का हित, मेरे पंथ का हित हमेशा दूसरे स्थान पर है। सबसे पहले हिंदू हित यानी राष्ट्रहित है और यही सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारे लिए हिंदुत्व ही पहली प्राथमिकता है और हर भारतीय के लिए यहीी होनी चाहिए।
आपस में झगड़ा करने से बचें
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमें किसी भी ऐसी बात में आगे नहीं जाना है, जो हमें कायर बनाने वाली हो। भागवत ने कहा कि आपस में झगड़ा करने से बचें। हम स्वाभिमान से जिएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति को खत्म करने के लिए काफी प्रयास किए गए।
अगर ऐसा होना होता, तो यह हो ही जाता। हजारों सालों में भी कोई हमें मिटा नहीं पाया। हमें नष्ट करने की कोशिश करने वाले खुद ही खोखले होते जा रहे हैं। 5000 साल पुराना सनातन धर्म आज भी वैसा ही है। सनातन धर्म न मिटा है और न मिटेगा आज जैसा है वैसा ही रहेगा।
10वीं सदी के संत की दूसरी सबसे ऊंची बैठी प्रतिमा हैदराबाद में
बता दें कि हैदराबाद के श्रीरामनगरम के जीवा कैंपस में स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी को लगाया गया है। दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची बैठी हुई इस प्रतिमा की स्थापना 10वीं शताब्दी के संत स्वामी रामुनाजाचार्य की स्मृति में किया गया है। इसकी ऊंचाई 216 फीट है। पांच धातुओं से बनी इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इस मूर्ति को बनाने में सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता शामिल किए गए हैं।