भिलाई। पर्यावरण मित्र समिति सेक्टर-2 द्वारा अमर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई गई। रिसाली निगम क्षेत्र में सब्जी बाजार के पास स्थित शिवाजी महाराज की आदमकद प्रतिमा के समक्ष जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर समिति के सदस्यों से वीर शिवाजी की प्रतिमा को नमन कर उनके वीरता व बलिदान को याद किया गया।

इससे पहले पर्यावरण मित्र समिति के सदस्यों ने सर्वप्रथम प्रतिमा की साफ-सफाई की। शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर हल्दी-चंदन का तिलक लगाया तथा पुष्प गुच्छ समर्पित किए। समिति के सदस्यों ने एक एक कर शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान समित के संतोष कुमार पाराशर, प्रशांत क्षीरसागर, संजय ढोल, देवकुमार, मुकेश, संदीप,अमन, राहुल,देवसिंग, सागर, घनश्याम सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
इस अवसर पर समिति के संरक्षक संतोष कुमार पाराशर ने कहा परम वीर, अखंड योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था। भारतभूमि के महान वीरों में की जब भी बात होती है तो वीर छत्रपति शिवाजी का भी आता है जिन्होंने अपने पराक्रम से औरंगजेब जैसे महान मुगल शासक की सेना को भी परास्त कर दिया था।
उन्होंने पूरे भारतवर्ष में भगवा ध्वज फहराया। उस समय के बड़े-बड़े योद्धा भी उनके नाम से घबराते थे। उनके सामने मुगल सेना हमेशा ही घबराती रही। उन्होंने फारसी को हटाकर संस्कृत एवं मराठी को राजकाज की भाषा बनाया। वीर शिवाजी का अदम्य साहस उनकी पहचान हुआ करती थी वीर शिवाजी के किस्से दूर-दूर तक फैले हुए थे।
कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ समाजसेवी प्रशांत क्षीरसागर ने छत्रपति शिवाजी महाराज को नमक करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज अदम्य साहसी, सत्य मार्ग पर चलने महापुरुष थे। उन्होंने हमेशा हिन्दू धर्म को आगे बढ़ाया। उनकी ख्याति दूर दूर तक फैली थी। शिवाजी महाराज ने कभी दुश्मनों के सामने हाथ खड़े नहीं किए बल्कि दुश्मनों का डट कर सामना किया। कार्यक्रम के दौरान समिति के अन्य लोगों ने भी अपनी बातें रखीं।


































