रायगढ़। एक परिवार में मोबाइल का उपयोग करना जी का जंजाल बन गया, पर कारोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई सब के लिए मजबूरी है। इसके चलते मोबाइल अब बच्चों के लिए भी सबसे जरूरी यंत्र साबित हो रहा है, पर एक परिवार के लिए ऐसा करने से मना करना अपराध साबित हुआ और जान गंवानी पड़ी है।
..जी हां, ऐसी घटना घटी है। बच्चियों ने मोबाइल चलाने से मना करने पर अपनी सगी बुआ की टांगी मारकर हत्या कर दी है। रायगढ़ के चक्रधरनगर क्षेत्र के ग्राम निरंजनपुर-सपनई में तीन जनवरी की रात दो सगी बहनों ने मोबाइल चलाने से मना करने से नाराज होकर अपनी सगी बुआ की सिर पर टांगी मारकर हत्या कर दी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि बुआ की हत्या करने वाली दोनो बच्चियां नाबालिग हैं और स्कूली छात्रा हैं। इन बच्चियों ने पुलिस को बताया कि उनकी बुआ तुलसी भाठ अविवाहित थी और उन्हीं के साथ घर पर रहती थी। बुआ बच्चियों को मोबाइल पर पढ़ाई के लिए व दोस्तों से बात करने के लिए मना करती थी।
तीन जनवरी की सुबह भी ऐसा ही हुआ था। ये बच्चियां बुआ को बिना बताए ही मोबाइल लेकर स्कूल चली गई थीं। स्कूल से लौटते हुए दोनों ने आपस में बात की कि घर पहुंचने पर बुआ हमें डांटेगी। तब दोनों ने रास्ते में एक जगह बैठकर उसकी हत्या की योजना बना डाली।
उसी रात बुआ ने छोटी बच्ची को मोबाइल के लिए ना सिर्फ डांटा, बल्कि दो थप्पड़ भी जड़ दिए। इसके बाद घर के सभी सो गए, लेकिन बच्चियों के मन में बुआ को मार डालने की प्लानिंग थी, तो देर रात छोटी बच्ची उठी और सो रही अपनी बुआ के सिर पर टांगी से वार कर दिया। बुआ के चिल्लाने की आवाज पर बड़ी बहन भी उठ गई।
हत्या करने के बाद दोनों बच्ची चुपचाप जाकर सो गए। सुबह जब मौके पर पुलिस पहुंची तब भी दोनों बहनें घटना से इंकार कर रही थीं। बंद मकान में हत्या पर पुलिस को घरवालों पर ही संदेह था। घरवालों से कड़ी पूछताछ की जा रही थी, तभी पुलिस डॉग रूबी ने महत्वपूर्ण सुराग दे दिया।
जांच के दौरान सभी एंगल से पुलिस जांच कर ही रही थी, शक की सुई घर के अंदर ही घुम रही थी। तब पुलिस ने दोनों बच्चियों पर सख्ती बरती तो उन दोनों ने अपराध स्वीकार कर लिया। उसके बाद पुलिस ने दोनों बाल अपचारियों को हिरासत में लेकर किशोर न्याय बोर्ड भेज दिया है।
(TNS)