अम्बिकापुर। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में कई खामियां हैं जो समय-समय पर उजागर होती रहती है। इसकी सजा गाहेबगाहे छात्र-छात्राओं को मिलती है। उनकी पढ़ाई का बड़ा नुकसान होता है। कभी शिक्षकों की हड़ताल, तो कभी बिना सोचे-समझे शिक्षा विभाग में योजना लागू कर देना। अब हिंदी माध्यम बनाम अंग्रेजी माध्यम की जंग छिड़ गई है।
अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर प्रदेश के कई जिलों में आंदोलन शुरू हो चुका है। अंबिकापुर जिले के पेंड्रा में भी इसका विरोध होने लगा है। छात्र-छात्राओं ने कक्षाओं का बहिष्कार कर पैदल ही कलेक्टर मुख्यालय पहुंच गए। उनका आरोप है कि स्कूल उन्नयन और नाम बदलने से उनका नुकसान होगा।
अब हिंदी वर्सेस इंग्लिश की लड़ाई की खबर अम्बिकापुर से आई है। इंग्लिश मिडियम स्कूल कर दिए जाने से नाराज अम्बिकापुर के बतौली के छात्र-छात्राओं ने अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे-43 जाम कर दिया है। छात्र-छात्राओं की मांग है कि उन्हें हिंदी माध्यम में ही पढ़ना है। इंग्लिश माध्यम के लिए अलग से स्कूल खोल लिया जाए।
बता दें कि बतौली के हायर सेकेंडरी स्कूल में आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में संचालित किया जा रहा है। स्कूल को शासन द्वारा 2021-22 सत्र में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में उन्नयन कर दिया गया है, जिस वजह से हिंदी माध्यम के बच्चों का प्रवेश धीरे-धीरे बंद होने की आशंका है।
2020-21 में राज्य के अंतर्गत जितने भी हिंदी माध्यम के स्कूलों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बदला गया है वहां पर हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, जिसके कारण बतौली के छात्र-छात्राएं आंदोलन पर उतर आए हैं। आंदोलनरत छात्र-छात्राओं का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम में स्कूल संचालित करने के लिए अलग स्कूल भवन बनवाया जाए।
इधर नाम नहीं बताने की शर्त पर शिक्षाविदों का कहना है कि शासन द्वारा यदि हिंदी माध्यम के बच्चों को हिंदी माध्यम की संस्था में प्रवेश नहीं दिया जाता है तो अधिकांश बच्चे पढ़ाई छोड़ देंगे जिससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन होगा।
(TNS)