तीरंदाज डेस्क। कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने हिजाब पर बैन लगाने का बयान दे दिया तो वहीं कांग्रेस द्वारा यूपी चुनाव में इसे भुनाने का प्रयास तेज कर दिया है। बुधवार को प्रियंका गांधी ने ट्विट इसपर बयान दिया था। वहीं एआईएमआईएम चीफ ओवैशी ने भी इसका विरोध जताया।
मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री के बयान का अनोखा विरोध भी दिखने लगा है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज में हिजाब और नकाब पहनकर छात्राओं ने फुटबॉल व क्रिकेट खेला। मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री के बयान का इस तरह विरोध किया गया। फुटबॉल खेलने वाली छात्राओं ने कहां की हिजाब और नकाब में हम पूरी तरह से कंफर्टेबल है।
जाने क्या कहा था शिक्षा मंत्री ने
मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बयान दिया था कि यदि कोई हिजाब पहनकर स्कूल पहुंचता है तो उस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्य प्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोर्ट के अनुसार ही छात्र छात्राओं को स्कूल में प्रवेश करना होगा। स्कूलों में यूनिफार्म कोड को लेकर लगातार काम हो रहा है आने वाले सत्र में इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री के इस बयान का अब मध्यप्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। इस मामले में मध्य प्रदेश की मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में हिजाब को बेहिसाब के बहन को लेकर किसी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। वहीं इस मामले में कांग्रेस विधायक के कॉलेज में फुटबॉल खेलने छात्राएं हिजाब व नकाब पहनकर मैदान में उतरी।
कर्नाटक से शुरू हुआ विवाद
बता दें हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत कर्नाटक के उडप्पी शहर से हुई। यहां के कॉलेज ने छात्राओं को हिजाब पहनकर आने पर क्लास में एंट्री नहीं दी। इसके खिलाफ छात्राएं हाई कोर्ट में याचिका लगाते हुए इस्लाम में हिजाब को अनिवार्य बताया है। हिसाब विवाद पर एआईएमआईएम के चीफ असाउद्दीन ओवैसी का भी बयान आया है उन्होंने इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि कोई किसी को यह नहीं कह सकता है कि क्या खाना है और क्या पहनना है।