उडुपी। देश में हिजाब विवाद बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक के उडुपी में शुरू हुआ मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बार हिजाब पहनकर शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश की मांग करने वाली छात्राओं की निजी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा कर दी गई है। इससे छात्राओं के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
उडुपी जिले के एसपी एन. विष्णुवर्धन ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। मामले में कार्रवाई की जा रही है। वहीं परिजनों का कहना है कि निजी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा किए जाने से छात्राओं की सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है।
मोबाइल नंबर तक किए गए साझा
पुलिस को परिजनों की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर छात्राओं के निजी मोबाइल नंबरों को साझा किया गया है। इसके अलावा उनके बारे में कई निजी जानकारियां भी दी जा रही हैं। इन जानकारियों को ऑनलाइन शेयर किया जा रहा है।
आदेश तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक
बता दें कि हिजाब विवाद मामले की सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रही है। यह सुनाई कुछ छात्राओं की ओर से दायर की गई याचिका के बाद हो रही है। इस याचिका को एकल पीठ ने चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बड़ी बेंच को भेज दिया, जिस पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने स्कूल-कॉलेज खोलने का अंतरिम आदेश जारी किया। साथ ही, आखिर फैसला आने तक धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी गई है।
विवाद का ये है कारण
गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म ही पहननी होगी। वहीं, प्राइवेट स्कूल भी अपनी यूनिफॉर्म चुन सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 के दौरान हुई थी। उस वक्त उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंच गई थीं। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था। इसके बावजूद छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं। उन्हें रोका गया तो दूसरे कॉलेजों में भी विवाद होने लगा।
(TNS)