नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ को रासायनिक उर्वरकों के कम आवंटन के संबंध में केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार की ओर से उर्वरक की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है।
गौरतलब है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह बताया गया था कि छत्तीसगढ़ को खरीफ सीजन के दौरान भी रासायनिक उर्वरकों की कमी का सामना करना पड़ा था। इस बारे में केंद्र ने स्पष्ट किया है।
छत्तीसगढ़ को केन्द्र की ओर से स्वीकृत 4.11 लाख टन रासायनिक उर्वरकों के आवंटन के मुद्दे पर यह स्पष्ट किया है कि आमतौर पर उर्वरकों का आवंटन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) के क्षेत्रीय सम्मेलनों के दौरान राज्य सरकारों द्वारा अनुमानित जरूरत पर आधारित होता है।
केंद्र ने कहा है कि इन 4.11 लाख टन रासायनिक उर्वरकों के आंकड़े में 2 लाख टन यूरिया, 60,000 मीट्रिक टन डीएपी, 50,000 मीट्रिक टन एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम), 26,000 मीट्रिक टन एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश यानी पोटेशियम क्लोराइड) और 26,000 मीट्रिक टन एसएसपी (सिंगल सुपरफॉस्फेट) है।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ ने रबी सीजन (2021-22) के लिए राज्य की अनुमानित जरूरत 1.50 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 0.60 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 0.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.26 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.75 लाख मीट्रिक टन एसएसपी बताई थी। यानि राज्य को कुल मिलाकर 3.61 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की जरूरत है।
रबी सीजन की अवधि 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक होती है। अब तक यानी 17 फरवरी तक राज्य को 3.61 लाख मीट्रिक टन की कुल आवश्यकता के मुकाबले 4.36 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराया जा चुका है। साथ ही केंद्र की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि फरवरी के मध्य तक ही सीजन की लगभग 120.8 फीसदी जरूरत को पूरा कर दिया गया है।
अब तक राज्य के पास बिक्री के बाद भी 1.85 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक उपलब्ध है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि भारत सरकार की ओर से उर्वरक की आपूर्ति में कोई कमी नहीं की गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में ये 4.11 लाख मीट्रिक टन का गलत और भ्रामक आंकड़े की जानकारी दी गई थी। जबकि राज्य की कुल आवश्यकता केवल 3.61 लाख मीट्रिक टन है।
केंद्र ने जानकारी दी है कि इस मुद्दे पर कि रबी सीजन के लिए जनवरी तक 2,32,000 मीट्रिक टन की मांग के मुकाबले राज्य को केवल 1,71,476 मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक प्राप्त हुए हैं, यह भी स्पष्ट किया गया है कि जनवरी 2022 तक 2.32 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता की जगह भारत सरकार ने 3.61 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की है। यानी राज्य में रासायनिक उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
वहीं, इस विषय पर कि इस साल फरवरी में राज्य को 1.20 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति के संबंध में केंद्र से आश्वासन प्राप्त के बाद भी केवल 40,686 टन आवंटित हुआ है। केंद्र की ओर यह स्पष्ट किया गया है कि केंद सरकार ने 17 फरवरी तक 0.69 लाख मीट्रिक टन की कुल मासिक जरूरत के मुकाबले 0.75 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की आपूर्ति की है।
गौरतलब है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह बताया गया था कि छत्तीसगढ़ को खरीफ सीजन के दौरान भी रासायनिक उर्वरकों की कमी का सामना करना पड़ा था। इस बारे में केंद्र ने स्पष्ट किया है कि राज्य में खरीफ सीजन-2021 (1 अप्रैल से 30 सितंबर) के लिए उर्वरक की कोई कमी नहीं थी। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को इस सीजन के लिए 11.75 लाख मीट्रिक टन की जरूरत के मुकाबले 14.44 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरक आवंटित किया था।
(TNS)