रायपुर। नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के आंदोलन में अब राकेश टिकैत को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर व सचिव कामता प्रसाद रात्रे सहित अन्य पदाधिकारियों ने मंगलवार को नई दिल्ली में राकेश टिकैत से मुलाकात की। स्थानीय किसान नेताओं की मानें तो टिकैत ने समर्थन की बात कही है।

इस संबंध में नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन लाल चंद्राकर ने बताया कि दिल्ली में राकेश टिकैत से मुलाकात हुई है। हमने उनके सामने अपनी समस्याओं को रखा है। टिकैत से हमारी लंबी बातचीत हुई है। इस मामले में राकेश टिकैत ने राजधानी के प्रभावित किसानों का साथ देने की बात कही है। जल्द ही राकेश टिकैत हमारे आंदोलन में शामिल होंगे।

पहले करेंगे सरकार से बातचीत
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष चंद्राकर ने बताया कि राकेश टिकैत से राजधानी दिल्ली में आयोजित एक सम्मान समारोह के दौरान मुलाकात हुई। यह सम्मान समारोह महाराष्ट्र के किसानों द्वारा आयोजित किया गया था। इस दौरान चर्चा में राकेश टिकैत ने कहा है कि राजधानी रायपुर के प्रभावित किसानों के मुद्दे पर सरकार से चर्चा की जाएगी।

रूपन चंद्राकर ने बताया कि मुलाकात के दौरान राकेश टिकैत ने कहा है कि यदि सरकार इन मांगों को मान लेती है तो ठीक है। वहीं यदि सरकार इन मांगों को मानने से इंकार करती है तो राजधानी के किसानों के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। रूपन चंद्राकर ने बताया है कि राकेश टिकैत के साथ ही योगेन्द्र यादव, डॉ. सुनीलम ने भी किसानों के समर्थन में राजधानी पहुंचकर आंदोलन में शामिल होने की बात कही है।
यह हैं किसानों की प्रमुख मांगें
- नया रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी/ आवासीय/व्यवसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाना चाहिए।
- भू अर्जन कानून 1894 के अंतर्गत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुए हैं उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुना मुआवजा मिलना चाहिये।
- नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा मिलना चाहिए। वार्षिकी राशि का पूर्ण रूप से आबंटन किया जाना चाहिए
- पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट भूखंड दिया जाए।
- साल 2005 से भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए।
- गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यवसायिक परिसर में दुकान जो आबादी से सटी हुई है जिसे 75 प्रतिशत प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।
हालांकि सरकार किसानों की आठ में से छह मांगें मान लेने की बात पहले ही कह चुकी है।




































