भिलाई। नगर निगम भिलाई का चुनाव प्रचार अब अंतिम दौर है. प्रत्याशी अपने पक्ष में जनता को करने के लिए हर संभव कोशिश करने में जुटे हैं. इसी बीच कुछ रोचक मामले भी सामने आ रहे हैं. हाल ही में सेक्टर-10 से चुनाव लड़ रही एक निर्दलीय महिला प्रत्याशी ने चुनाव जितने पर महिलाओं के लिए पेटिकोट फैक्ट्री खोलने का वादा कर दिया है. वहीं राधिका नगर वार्ड-7 में बुजुर्गों ने बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राधिका नगर के कुछ बुजुर्ग वीडियो जारी कर भाजपा प्रत्याशी दे वोट ने देने की अपील कर रहे हैं. भिलाई नगर निगम चुनाव में ये अपने तरह का अलग मामला है.
राधिका नगर के वरिष्ठ नागरिक हीरालाल प्रजापति, सत्य प्रकाश राय, संजय सिंह, उमेश अवस्थी, बबलू बेनर्जी व अन्य ने वार्ड वासियों से कहा है कि आप किसी को भी वोट दें, लेकिन रमेश श्रीवास्तव को वोट न दें, क्योंकि वे पहले से ही भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं. वो सत्ता पाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाते रहते हैं.
समिति से हो चुके हैं बर्खास्त
संजय सिंह ने बताया कि राधिका नगर बसने के बाद यहां राधिका नगर विकास समिति गठित की गई. उस समिति में रमेश श्रीवास्व प्रमुख पदाधिकारी थे. समिति ने अपने खर्चे पर टेलीफोन का कनेक्शन लिया, जिसे वे अपने घर में लगवा लिए और एसटीडी बूथ की तरह उसका इस्तेमाल कर पैसे कमाने लगे. भ्रष्टाचार का ये मामला पकड़े जाने के बाद उन्हें समिति से आजीवन बर्खास्त कर दिया गया.
ऐसा कोई वीडियो नहीं देखा: रमेश श्रीवास्तव
इस मामले में राधिका नगर वार्ड से भाजपा प्रत्याशी रमेश श्रीवास्तव से बात की गई तो पहले तो उन्होंने कहा की मैंने ऐसा कोई वीडियो देखा नहीं है. वैसे भी चुनाव के समय आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है. इसके बाद उन्होंने कहा अभी चुनाव रैली में व्यस्त हूं इस बारे में बाद में बात करूंगा.
यहां विरोधी खेमे ने खोला मोर्चा
खुर्सीपार के एक वार्ड से प्रमुख पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ विरोधी खेमे ने मोर्चा खोल दिया है. प्रत्याशी को बाहरी तो बता ही रहे हैं साथ ही उनके पुराने अपराधिक रिकार्ड वाली तस्वीर को सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है. न सिर्फ फोटो वायरल कर रहे इसके साथ ही कई तरह की बातें भी लिखी गई है. बता दें कि बता दें नगर निगम भिलाई के चुनाव में इस बार खड़े प्रत्याशियों में कई के अपराधिक रिकार्ड भी हैं. नगर निगम भिलाई से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में से 12 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके अपराधिक रिकार्ड हैं इनमें से 3 के खिलाफ अब भी कोर्ट में मामला लंबित है। वहीं शेष 9 अपराधिक रिकार्ड वाले प्रत्याशियों के मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया है. दोष मुक्त होने के बाद भी ऐसे प्रत्याशियों की परेशानियां कम नहीं हो रही है. उक्त प्रत्याशियों के प्रतिद्वंद्वी किसी न किसी माध्यम से उनके पुराने अपराधिक रिकार्ड को चुनाव प्रचार का हिस्सा बना रहे हैं.