रायपुर। भिलाई निवासी एक महिला के आंखू अपने ‘गे‘ बेटे के लिए उस वक्त छलक पड़े जब उसके दरवाज में पुलिस ने दस्क की। जिसके बाद पुलिस भी भावुक हो गई। पुलिस को अपने दरवाजे में खड़ा देख पहले तो वह थोड़ी डर गई, लेकिन फिर वह समझ गई कि आखिर यह पुलिस उनके दरवाजे में क्यों पहुंची है। मां ने अपने कलेजे को मजबूत किया और कहा, कहिए क्या काम है। फिर पुलिस ने उन्हें बताया कि उनका ही मोहल्ले में रहने वाला एक युवक ने आपके बेटे के खिलाफ अलग–अलग समय पर तीन लिखित शिकायत कि है। शिकायत में यह लिखा गया है कि उनके बेटे की वजह से उस युवक का नाम मोहल्ले में खराब रहा है। उन्होंने आपके बेटे को मोहल्ले में नहीं रहने देने की बात लिखी है। पुलिस का कहना खत्म हुआ ही था कि मां का दर्द फूट पड़ा।
मां ने कहा कि मेरा बेटा ‘गे‘ है तो क्या करूं, उसे घर से निकाल दूं। ईश्वर ने उसे जैसा बनाया है, वह वैसा ही है। इसका यह मतलब नहीं कि मैं अपने बेटे को अपने से अलग कर दूं। भिलाई के बैकुंठधाम में रहने वाली मोनिका बंजारी (बदला हुआ नाम) ने जब अपना दुखड़ा बया कर रही थी, तो उनकी आंखें नम हो गई। मोनिका कहती है कि मेरा बेटा सूरज (बदला हुआ नाम) अन्य से बहुत अलग है, लेकिन दिल का बुरा बिल्कुल नहीं है। मोहल्ले वाले ही उसे बुरा भला कहते रहते है। फिर अपने बेटे के पक्ष में दम भरते हुए मोनिका बोली, अगर किसी को तकलीफ है तो वो अपने घर और मकान में ताला लगाकर रहे, मैं क्यों अपने बेटे को चारदीवारी में कैद रखूं। मोहल्ले के लोग दबी जुबान में हमें कोसते हैं, यहां तक की हमारे घर में आना तक पसंद नहीं करते है। मैंने छावनी थाना से पहुंचे साहब से कहा कि आप मोहल्ले वालों को समझाए हैं।
रायपुर में हिजड़ा कर कुछ लड़कों ने की थी पिटाई
मोनिका ने बताया कि जब सूरज कहीं जाता है तो लोग उसे चिढ़ाते है। मैं मां हूं, मैं उसका दर्द समझ सकती हूं। उसे लड़के पसंद है, लेकिन वह हिजड़ा नहीं है। पिछले सा अक्टूबर 2018 को गुढ़ियारी रायपुर में सूरज के साथ 6 लड़कों ने मारपीट की थी।
शिकायत का कोई तथ्य नहीं
शिकायत के आधार पर छावनी पुलिस की एक टीम मोहल्ले में गई थी। शिकायत करने वाले पक्ष ने कहा कि सूरज का मोहल्ले के दूसरे बच्चों पर गलत असर पड़ रहा है, लेकिन उनकी ओर से कोई ऐसा तथ्य नहीं दिया जा सका। दोनों एक मोहल्ले में रहते ही इसलिए दोनों को समझाया गया है।