भिलाई। नगर निगम भिलाई के चुनाव निपटने के बाद महापौर को लेकर लॉबिंग तेज हो गई है। शनिवार को सीएम हाउस में बैठक होनी है और इसी बैठक में तय होगा कि भिलाई निगम का महापौर कौन होगा। यही नहीं इस बैठक में प्रदेश अन्य निकायों में महापौर व अध्यक्ष की घोषणा संभावित है। माना जा रहा है कि महापौर व पालिका अध्यक्षों को लेकर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ही होगा। इसे देखते हुए भिलाई निगम सहित अन्य निकायों के निर्वाचित पार्षद भी रायपुर में डेरा डाले हुए हैं।
सूत्रों से पता चला है कि भिलाई निगम के पार्षदों को राजधानी के एक बड़े होटल में ठहराया गया है। कांग्रेस आलाकमान को इस बात की आशंका है कि भाजपा द्वारा कांग्रेस के पार्षदों का तोड़ने का प्रयास किया जा सकता है। यही कारण है कि सभी पार्षदों को राजधानी में अज्ञातवास में रखा गया है। सीएम हाउस में आज होने वाली बैठक के बाद होने वाले निर्णय के बाद ही इन पार्षदों को वापस भेजा जाएगा। फिलहाल इन पार्षदों को राजधानी के होटल में पूरी एहतियात साथ रखा गया है और यहां इनकी जमकर खातिरदारी भी की जा रही है।
आंकलन का दौर जारी
इधर भिलाई निगम सहित भिलाई चरोदा व रिसाली निगम में महापौर को लेकर अभी से आंकलन का दौर शुरू हो गया है। लोगों की राय है कि भिलाई में सामान्य वर्ग से महापौर होना चाहिए। इसके पीछे इन निगम का महापौर अनारक्षित होना माना जा रहा है। वहीं रिसाली में महापौर ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि यहां महापौर कैंडिटेट गृहमंत्री ताम्रध्वज की पसंद से साहू समाज की महिला हो सकती है। रिसाली निगम में पांच महिला कांग्रेस पार्षद ऐसी हैं जो ओबीसी वर्ग से हैं। इन्हीं में किसी एक का महापौर तय माना जा रहा है। इधर भिलाई चरोदा को लेकर कहा जा रहा है कि सीएम भूपेश बघेल का गृहक्षेत्र होने के कारण यहां महापौर उनकी पसंद का ही होगा। हालांकि भिलाई चरोदा भी आरक्षित है और यहां से महापौर के सबसे बड़े दावेदार के रूप में वार्ड 40 से जीतने वाले निर्मल कोसरे हैं। निर्मल कोसरे वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण के अध्यक्ष भी हैं और इन्हें सीएम बघेल का काफी करीबी भी माना जाता है।