भिलाई (bhilai)। रामरक्षा फाउंडेशन (Ram Raksha Foundation) भिलाई की ओर से चीनी मिट्टी कला (सिरेमिक आर्ट) (ceramic art) पर तीन दिवसीय विशेष कार्यशाला (Opportunity) ‘मातर’ (‘Matar’) का समापन मंगलवार की शाम अंचल के प्रसिद्ध कलाकार हरि सेन के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस दौरान यहां शामिल कलाकारों ने अपने अनुभव साझा किए। भविष्य में भी ऐसे आयोजन से जुड़ने की आकांक्षा जताई।
लेमन सिरेमिक स्टूडियो (Lemon Ceramic Studio) स्ट्रीट-2 मैत्री कुंज पश्चिम रिसाली में आयोजित इस कार्यशाला के समापन पर समूचे छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश से आए हुए शिल्पकारों के साथ-साथ मध्यप्रदेश शासन के शिखर सम्मान से अलंकृत वरिष्ठ शिल्पकार निर्मला शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थीं।
आयोजनों से शिल्पकला निखरती है
कार्यशाला का समापन करते हुए मुख्य अतिथि हरि सेन ने कहा कि ऐसे आयोजनों से शिल्पकला निखरती है। कलाकारों को आपस में एक-दूसरे से सीखने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए, जिससे अलग-अलग अंचल से आए कलाकारों को कुछ नया जानने-समझने को मिले।
नए प्रयोग और नए कार्यों को बढ़ावा मिलेगा
इस दौरान वरिष्ठ शिल्पकार भोपाल की निर्मला शर्मा ने उम्मीद जताई कि ऐसी कार्यशाला से शिल्पकला में नए प्रयोग और नए कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। इसके पूर्व अपने स्वागत भाषण में लेमन सिरेमिक स्टूडियो की डायरेक्टर विजया त्रिपाठी आयोजन के सफलतापूर्वक समापन होने पर सभी कलाकारों का आभार जताया। कार्यशाला के सह संयोजक चित्रकार योगेंद्र त्रिपाठी ने सभी शिल्पकारों का आभार जताया और अतिथियों को धन्यवाद दिया।
ये कलाकार हुए शामिल
कार्यशाला में शामिल कलाकारों में बलदेव मंडावी कोंडागांव, भानू प्रकाश बालोद, चंदर पांजरे खैरागढ़, चिरायु कुमार सिन्हा कुरुद, धनंजय पाल भिलाई, धरम नेताम खैरागढ़, हुकुमलाल वर्मा नवेगांव, करुणा सिद्दर रायगढ़, खुशबू खैरागढ़, कुलेश्वर राम कुरुद, मनीषा वर्मा खैरागढ़, मनोज कुर्रे दुर्ग, मीनाक्षी वर्मा खैरागढ़, मोहन बराल भिलाई, पार्थ नेताम खैरागढ़, प्रियांशा जग्गी रायपुर, राजेन्द्र सुनगरिया भिलाई, रविकांत चंद्राकर कुरुद, शिव प्रसाद चौधरी खैरागढ़, श्रुति राठी भिलाई और सुरेश कुम्भकार बालोद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
(TNS)