रायपुर (raipur)। 2013 में हुए झीरम घाटी हत्याकांड (jhiram valley massacre) की न्यायिक जांच (judicial inquiry) पूरी हो गई है। जांच आयोग की रिपोर्ट में पूरी घटना की पूरी स्थिति की जानकारी 10 खंडों में दी गई है। आज शनिवार को छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के राज्यपाल (governor) को रिपोर्ट सौंपी गई है।
न्यायमूर्ति (Justice) प्रशांत कुमार मिश्रा की अगुवाई वाले न्यायिक जांच आयोग ने शनिवार शाम राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात की। जहां उन्हें जांच रिपोर्ट सौंप दी गई। यह रिपोर्ट 10 खंडों और 4 हजार 184 पेज में तैयार की गई है। झीरम हत्याकांड जांच आयोग के सचिव और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार संतोष कुमार तिवारी शनिवार शाम रिपोर्ट लेकर राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात कर यह रिपोर्ट उनके हवाले कर दिया। यह आयोग छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा के अध्यक्षता में गठित की गई थी।
आगे यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी
न्यायमूर्ति मिश्रा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के कार्य-वाहक मुख्य न्यायाधीश थे। अभी वे आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। आंध्र प्रदेश रवाना होने से पहले उन्होंने जांच प्रतिवेदन बनाने का काम पूरा कर लिया था। पूरी तरह से तैयार रिपोर्ट को अब राज्यपाल को सौंपा गया है। बताया जा रहा है, यह रिपोर्ट अब सरकार को भेजी जाएगी। कैबिनेट उसे देखेगी और उसके बाद विधानसभा में इसको पेश किया जाएगा।
तत्कालीन कांग्रेस विधायक नंदकुमार के काफिले पर हुआ था हमला
बता दें कि बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने तत्कालीन कांग्रेस विधायक नंदकुमार पटेल के काफिले पर हमला किया था। हमले में नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा सहित अन्य लोग मारे गए थे। इस घटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनका बाद में इलाज के दौरान निधन हो गया था।
(TNS)