भिलाई। रामरक्षा फाउंडेशन (Ram Raksha Foundation) भिलाई (bhilai) की ओर से चीनी मिट्टी कला (सिरेमिक आर्ट ceramic art) पर तीन दिवसीय विशेष कार्यशाला (Workshop)’मातर’ (mater) में दूसरे दिन प्रदेश भर के शिल्पकार अपनी कला साधना में डूबे हैं। युवा शिल्पकार अपने अनुभवी व बुजुर्ग शिल्पकारों (elderly craftsmen) से उनके अनुभवों का लाभ लेकर सीख कर कला निखार रहे हैं। तीन दिवसीय इस कार्यशाला का समापन 8 नवंबर सोमवार की शाम को होगा।
लेमन सिरेमिक स्टूडियो स्ट्रीट-2 मैत्री कुंज पश्चिम रिसाली में आयोजित इस कार्यशाला में कुल 25 शिल्पकार शामिल हुए हैं। इन्हें मध्य प्रदेश शासन के शिखर सम्मान से अलंकृत वरिष्ठ शिल्पकार निर्मला शर्मा का विशेष रूप से मार्गदर्शन मिल रहा है। सभी कलाकार एक से बढ़ कर एक कलाकृति का निर्माण कर रहे हैं।
ऐसी कार्यशालाएं युवाओं के लिए बने मार्गदर्शक
सुंदर बास्केट बना रही युवा कलाकार आरती पंचच्चरी कहती हैं यहां आने के बाद उन्हें काफी सीखने को मिल रहा है। टेलीफोन की आकृति को मूर्त रूप दे रहे धनंजय पाल और अनूठे शिल्प के निर्माण में लगे कमलेश कुर्रे का कहना है ऐसी कार्यशालाएं निश्चित तौर पर युवाओं के लिए मार्गदर्शक साबित होगी।
नर्तकी के पैर ने किया आकर्षित
करुणा सिद्धार्थ रायगढ़ द्वारा पुस्तक की आकृति बनाई जा रही है, वहीं श्रुति राठी शो पीस डिजाइन बना रही हैं। स्टूडियो में अपनी कला साधना में लगे सुरेश कुमार कुंभकार सजावटी कलाकृति नर्तकी के पैर को सुंदर रूप दे रहे हैं। युवा श्रमिक कलाकार पंखुड़ी पाड़ा गांधीजी के तीन प्रसिद्ध बंदरों की कलाकृति को अंतिम रूप देने में लगी हैं।
ग्रामीण शैली में पेंट ने दी सीख
भोपाल से आई हुई वरिष्ठ शिल्पकार निर्मला शर्मा अपनी कलाकृति पॉटरी को वर्ली पेंटिंग ग्रामीण शैली में पेंट कर रही हैं। चिरायु कुमार सिन्हा अपनी प्रसिद्ध कलाकृति छमिया का पुनर्निर्माण कर रहे हैं जो कि पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसकों द्वारा सराही गई कलाकृति है। विजया त्रिपाठी ने अपनी कलाकृति के साथ चौकोने आकार में एक पात्र का निर्माण कर रही हैं, जिसमें प्रकृति के रंगों से सजा पात्र एक ग्रामीण सभा का रूप दिखाता है।
ये कलाकार कर रहे साधना (Art Sadhana)
श्रीमती त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यशाला में बलदेव मंडावी कोंडागांव, भानू प्रकाश बालोद, चंदर पांजरे खैरागढ़, चिरायु कुमार सिन्हा कुरुद, धनंजय पाल भिलाई, धरम नेताम खैरागढ़, हुकुमलाल वर्मा नवेगांव, करुणा सिद्दर रायगढ़, खुशबू खैरागढ़, कुलेश्वर राम कुरुद, मनीषा वर्मा खैरागढ़, मनोज कुर्रे दुर्ग, मीनाक्षी वर्मा खैरागढ़, मोहन बराल भिलाई, पार्थ नेताम खैरागढ़, प्रियांशा जग्गी रायपुर, राजेन्द्र सुनगरिया भिलाई, रविकांत चंद्राकर कुरुद, शिव प्रसाद चौधरी खैरागढ़, श्रुति राठी भिलाई, सुरेश कुम्भकार बालोद और योगेन्द्र त्रिपाठी भिलाई अपनी कला को निखार रहे हैं।
(TNS)