कवर्धा। कवर्धा में 3 अक्टूबर को हुई सांप्रदायिक हिंसा के आरापियों की आज जेल से रिहाई हो गई। दुर्ग जिला जेल से आरोपी कवर्धा पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें सीमा पर ही रोक दिया। पुलिस का कहना था कि जिले में धारा 144 लगी है, ऐसे में सभी को एक साथ शहर में नहीं आने दिया जाएगा। इसे लेकर उनकी पुलिस से बहस हो गई और विरोध में आरोपी वहीं धरने पर बैठ गए।
कवर्धा के लोहारा नाका पर धार्मिक झंडे को लेकर दो पक्षों में 3 अक्टूबर विवाद हो गया था। जिसने बाद में सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया और 5 अक्टूबर को खासा बवाल हुआ। इसके बाद शहर में धारा 144 लगा दी गई थी। हिंसा मामले में गिरफ्तार 18 आरोपियों को 20 अक्टूबर को ही जमानत मिल गई थी। लेकिन सभी आरोपियों को हर महीने संबंधित थाने में हाजिरी लगानी होगी। इसके बाद 59 आरोपियों को शुक्रवार को जमानत मिल गई। ये सभी आरोपी दुर्ग जेल में थे। यहां से छूटने के बाद सभी कवर्धा पहुंचे, लेकिन सीमा पर मौजूद पुलिस ने उन्हें एक साथ प्रवेश करने से रोक दिया। पुलिस की इस बंदिश पर सांसद संतोष पांडेय ने एतराज जताया।
(TNS)