रायपुर। राज्य के बस्तर (Bastar) जिले में 10 डाक्टर समेत 249 स्वास्थ्य कर्मियों ( Health Workers) की सेवाएं समाप्त (Service Terminated) कर दी गईं हैं। जबकि मेडिकल कालेज समेत अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों के 385 से अधिक डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की सूची बनाई जा रही है, जिन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। आदेश आने के बाद से स्वास्थ्य कर्मियों में बेचैनी बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग के आदेश में कहा गया है कि संविदा नियमों के तहत सेवा समाप्ति से पहले किसी भी एक पक्ष को एक माह का नोटिस देने का प्रावधान है। इसलिए विभाग ने कर्मचारियों को एक माह पहले नोटिस जारी कर दिया है। यानी 30 दिनों बाद स्वत: ही इन स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा समाप्त हो जाएगी।
प्रशासन ने सेवा निरस्त करने का कारण बताते हुए कहा कि स्वीकृत पदों से अधिक नियुक्तियां होने की वजह से इनकी सेवाएं समाप्त की जा रहीं हैं। जिनकी सेवाएं समाप्त की जा रही है उनमें चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ लैब टेक्नीशियन, डायलिसिस कर्मी, वार्ड ब्वाय, फार्मेसिस्ट रेडियोग्राफर समेत अन्य पद पर कार्य कर रहे कर्मी हैं। बता दें कि इन कर्मियों की संविदा नियुक्ति जिला खनिज न्यास निधि से की गई थी। जो पिछले तीन वर्षों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, जिला अस्पताल आदि में सेवाएं दे रहे हैं।
आंदोलन की तैयारी
अचानक इस तरह से सरकारी फरमान से आक्रोशित स्वास्थ्य कर्मी अब आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। उनका कहना है कि विषम परिस्थितियों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने में उनकी भूमिका रही है कोरोना वायरस जैसी महामारी के प्रकोप से समाज को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे में यह सरकारी फरमान दुर्भाग्यपूर्ण है।
(TNS)