दुर्ग। दुर्ग जिले के ग्राम टेमरी में बुधवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका से बड़ी चूक हो गई। दोनों महिला कर्मी आंगनबाड़ी में ताला लगाकर चली गईं, जबकि अंदर तीन साल की बच्ची खेल रही थी। जब आंगनबाड़ी से बच्ची के रोने की आवाज आई, तब करीब दो घंटे बाद ताला खोला गया। इधर परिजन बच्ची को खोज रहे थे। नाराज परिजनों ने थाने में शिकायत की है। विभागीय अफसरों ने भी कार्यकर्ता और सहायिका को नोटिस थमा दिया है।
धमधा ब्लॉक के ग्राम टेमरी के आंगनबाड़ी केन्द्र में बुधवार को एक बच्ची गई थी। बच्ची खेलती रही और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भी अपने-अपने काम में व्यस्त रहीं। जब आंगनबाड़ी बंद करने का समय आया तो बच्ची दिखाई नहीं थी। दोनों महिला कर्मियों ने यह मानकर केन्द्र में ताला लगा दिया कि बच्ची अपने घर चली गई होगी। इधर बच्ची के घर न पहुंचने पर परिवार में हड़कंप मच गया। गांव में यहां-वहां तलाश शुरू की गई। इसी बीच कुछ लोग आंगनबाड़ी केन्द्र भी पहुंचे। केन्द्र के अंदर से बच्ची के रोने की आवाज सुनकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को बुलाया गया और ताला खोलकर बच्ची को बाहर निकाला गया। इस दौरान करीब दो घंटे तक बच्ची केन्द्र में बंद रही। और उसका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की लापरवाही से नाराज परिजन बच्ची को लेकर लिटिया सेमरिया पुलिस चौकी पहुंचे और शिकायत की। इधर सीडीओपी धमधा धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को नोटिस थमा दिया है।
(TNS)