तीरंदाज, डेस्क। कभी-कभी छोटी सी गलती का हमें बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है। ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भी हुआ। जहां ग्राहक ने दर्जी से शिकायत करी थी कि उसने उसका कुर्ता-पाजामा गलत तरीके सिल दिया था। लेकिन दर्जी ने इस बात को अनसुना कर दिया।
इसके बाद ग्राहक ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत की और हर्जाना मांगा। बुलंदशहर में न्यायालय जिला उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष ने फैसला सुनाया। इस फैसला में सिलको टेलर एंड फेब्रिक पर गलत तरीके से कुर्ता-पाजामा सिलने के आरोप में 12 हजार रुपए का हर्जाना समेत सिलाई व कपड़ों की रकम देने को कहा गया है।
इतना ही नहीं, अगर हर्जाने की रकम निर्धारित समयावधि में नहीं दी गई तो शिकायतकर्ता को सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देना होगा। आयोग के अध्यक्ष पीए शेखर ने इस मामले में बताया कि 4 मई 2018 को डीएम कॉलोनी निवासी एमपी सिंह ने शहर के सिलको टेलर के मालिक को कुर्ता-पाजामा सिलने के लिए कपड़ा दिया था। 13 मई को दुकानदार ने कपड़े सिलकर उनको दे दिये।
इसके बाद ग्राहक ने टेलर से गलत सिलाई करने पर शिकायत करी लेकिन उसने इस बात को अनसुना कर दिया। इस पर ग्राहक अपनी फरियाद लेकर कोर्ट पहुंचा गया। इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया लेकिन इस के बाद भी टेलर प्रतिनिधि आयोग के सामने पेश नहीं हुए।
आयोग के सदस्यों के साथ अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह ने शिकायतकर्ता का पक्ष सुना और फैसला लिया। फैसले में आयोग ने सिलको टेलर को दो महीने के भीतर कपड़ों की सिलाई के 750 रुपये और कपड़ों की कीमत 1500 रुपये देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही ग्राहक को हुई मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 5000 और वाद व्यय के लिए 5000 रुपये की धनराशि निर्धारित समय तक देने का निर्देश दिया है। अगर सिलको टेलर निर्धारित समय पर ग्राहक को पैसे नहीं देता तो उसे हर्जाना की रकम पर ब्याज भी देना होगा।
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