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नई दिल्ली। आदिकाल (primordial) से शास्त्र (ethology) के नियमों (rules) का पालन करते हुए पूजा (worship) करना ही मान्य है। विधि-विधान (rules legislation) का ध्यान रखते हुए शुभ मुहूर्त में पूजन सामग्री के साथ किस दिशा (Direction) में बैठकर देवी-देवाओं (gods and goddesses) का आवाहन फलदायी (fruitful) है इस ओर पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।... Read More