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प्रधान पाठक द्वारा शिक्षा के मंदिर को शराब का अड्डा बना दिया गया है और उसने मनो धर्मशाला के जैसे अपना बोरिया बिस्तर वहां डाल दिया था। बीते एक महीने से परेशान बच्चों ने अभिभावकों को इसकी जानकारी दी थी, लेकिन अभिभावकों द्वारा उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत आवेदन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, इसके बावजूद उच्चाधिकारियों द्वारा कभी एक्शन नहीं लिया जाता था। Read More






























