नई दिल्ली। देशभर में महंगे होते पेट्रोल और डीजल के दामों के साथ ही पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। मगर, सबसे ज्यादा समस्या इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन को लेकर है। पिछले हफ्ते ऑटो डीलरों के निकाय FADA ने कहा था कि वित्त वर्ष 2021-22 में इलेक्ट्रिक वाहन खुदरा बिक्री तीन गुना बढ़कर 4,29,217 यूनिट हो गई, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 1,34,821 यूनिट थी।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम ने बुधवार को कहा कि वह 100 सबसे व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2,000 स्टेशनों वाले 100 फास्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग कॉरिडोर स्थापित करने जा रही है। इसके लिए इस वित्त वर्ष में करीब 200 करोड़ रुपए का निवेश कंपनी करेगी। बीपीसीएल के खुदरा कार्यकारी निदेशक बीएस रवि ने बुधवार को बताया कि कंपनी ने हाल ही में चेन्नई-त्रिची-मदुरै राजमार्ग पर एक चार्जिंग यूनिट के साथ अपना पहला ईवी चार्जिंग कॉरिडोर खोला है। दूसरा कॉरिडोर अगले दो महीनों के भीतर राष्ट्रीय राजमार्ग 47 के कोच्चि-सलेम खंड पर बन जाएगा।
7-12 लाख में लगती है एक यूनिट
रवि ने कहा कि यदि चार्जिंग यूनिट को बूस्टर ट्रांसफार्मर की आवश्यकता नहीं होती है, तो ऐसी यूनिटों को 7-12 लाख रुपए की लागत में स्थापित किया जा सकता है। रेस्ट रूम, जलपान/फूड कोर्ट सहित अन्य फैसिलिटीज पर तैयार किया जा सकता है। वहीं, अगर यूनिट को ट्रांसफॉर्मर की जरूरत होगी, तो इसे स्थापित करने के लिए 25 लाख रुपए का खर्च आएगा।
वर्ष 2025 तक 7,000 फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन
लिहाजा इस वित्त वर्ष में कंपनी लगभग 200 करोड़ रुपए निवेश करने जा रही है। वहीं, मार्च 2023 तक 100 कॉरिडोर में 2,000 से अधिक फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि के लिए कंपनी की योजना वित्त वर्ष 2025 तक 7,000 फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की है। हालांकि, उन्होंने इसके निवेश के ब्योरे का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि तीसरा कोरिडोर संभवत: मुंबई-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग-4 होगा और इसमें कई यूनिट होंगी, क्योंकि राजमार्ग में सबसे अधिक यातायात है। रवि ने कहा कि उनकी कंपनी केंद्र और राज्य सरकार से प्रोत्साहन मांगेगी।