RAIPUR NEWS. अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों के कर्मचारी अब आरपार के मूड पर आ गए हैं। कर्मचारियों ने अपने आंदोलन को और तेज करते हुए आज संभाग स्तर के प्रदर्शन के दौरान सामूहिक इस्तीफा दिया। प्रदेश भर में कर्मचारी बड़े पैमाने पर सामूहिक इस्तीफे दे रहे हैं।

प्रदेश के लगभग 17,000 कर्मचारी पिछले 15 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर शासन स्तर से स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। धान खरीदी केंद्रों के कर्मचारियों की प्रमुख चार सूत्री मांगों पर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है, जिसके चलते विरोध और अधिक तेज होता जा रहा है। उनका कहना है कि यदि समय रहते मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
-धान खरीदी नीति वर्ष 2024-25 में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति को निरस्त करते हुए विभागीय स्तर पर नियमितिकरण किया जाए।
-प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतनमान देने के साथ प्रत्येक समिति को 3-3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान राशि मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्रदान की जाए।
-कर्मचारियों को भविष्य निधि, महंगाई भत्ता, ईएसआईसी जैसी सुविधाएँ दी जाएँ।
-दैनिक व संविदा कर्मचारियों को सीधी भर्ती में प्राथमिकता और बोनस अंक देते हुए बैंक केडर के रिक्त पदों पर 50 प्रतिशत विभागीय भर्ती की जाए तथा उम्र और योग्यता में शिथिलता दी जाए।

सरकार ने लगाया एस्मा
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी सीजन शुरू होने से ठीक पहले सहकारी समितियों के हड़ताली कर्मचारियों पर सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है। रायपुर में हड़ताल जारी रखने वाले कर्मचारियों और कंप्यूटर ऑपरेटरों पर सरकार ने एस्मा लागू करते हुए तत्काल काम पर लौटने के निर्देश दिए हैं। सहकारिता विभाग ने हड़ताली अधिकारियों और कर्मचारियों से अंतिम अपील करते हुए कहा है कि वे शनिवार और रविवार तक वापस ड्यूटी जॉइन कर सकते हैं, अन्यथा सोमवार से कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी।





































