



गुजरात एटीएस ने खुलासा किया है कि गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर अहमद मोहियुद्दीन सीधे आतंकी संगठन आईएसआईएस के संपर्क में था। उसने राइसिन जैसे घातक रासायनिक हथियार तैयार करने की साजिश रची थी। जांच में पता चला कि वह इस जहर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर लोगों की जान लेने के लिए करना चाहता था।
अरंडी के बीजों से बनता है यह जहर
राइसिन एक अत्यंत विषैला प्रोटीन है, जो अरंडी (Castor) के बीजों से निकाला जाता है। इसकी मामूली मात्रा भी इंसान की जान ले सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह जहर शरीर में पहुंचाया जाए या निगला जाए, तो बहुत जानलेवा हो सकता है। अगर समय पर इलाज मिल जाए तो पीड़ित की जान बचाई जा सकती है। मगर, यही जहर अगर हवा या पानी में फैल जाए तो भारी तबाही मचा सकता है।
रसायन और उपकरण जुटा चुका था आरोपी
गुजरात एटीएस के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर अहमद ने इस जहर को तैयार करने के लिए आवश्यक रासायनिक सामग्री और उपकरण एकत्र कर लिए थे। शुरुआती रासायनिक प्रक्रिया भी उसने शुरू कर दी थी। जांचकर्ताओं ने बताया कि वह इस घातक पदार्थ को ‘रेजिन’ नाम से तैयार कर रहा था और इसका मकसद एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देना था।


































