RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर एयर-शो का रोमांच देखने को मिला। राज्योत्सव के अवसर पर नवा रायपुर के आसमान में भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम ने अपने अद्भुत और रोमांच भरे करतब दिखाए। सेंध तालाब के ऊपर हुए इस शानदार एयर शो में नौ हॉक एमके-132 फाइटर जेट्स ने एक साथ उड़ान भरते हुए आसमान को रंगीन नजारों से भर दिया। हालांकि नीचे सड़क पर लोग जाम से परेशान रहे। शो शुरू होने से पहले तेलीबांधा से सेंध लेक तक करीब 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। आम लोगों के साथ वीआईपी वाहन भी जाम में फंसे रहे, सैकड़ों लोग तो पहुंच भी नहीं पाए

सूर्यकिरण की टीम ने तिरंगा, हार्ट इन द स्काई और एरोहेड जैसे शानदार फॉर्मेशन प्रस्तुत किए, जिनके रोमांचक दृश्य देखकर लोग तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं पाए। पूरा आसमान मानो देशभक्ति के रंगों में डूब गया। सूर्यकिरण टीम के विमानों ने जब आसमान में हार्ट इन द स्काई फॉर्मेशन बनाया तो पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा। इसके बाद बॉम्ब बर्स्ट और एरोहेड जैसे रोमांचक प्रदर्शन ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। लोगों ने इन अनोखे दृश्यों को अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया।

इस शो का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन अजय दशरथी ने किया। वहीं टीम के अहम सदस्य स्क्वॉड्रन लीडर गौरव पटेल ने कहा कि अपने राज्य के आसमान में उड़ान भरना मेरे जीवन का गर्व का क्षण है। कार्यक्रम के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंवल संधू ने लाइव कमेंट्री के जरिए दर्शकों को हर फॉर्मेशन और स्टंट की जानकारी दी, जिससे लोगों का उत्साह और बढ़ गया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस ऐतिहासिक शो का भरपूर आनंद लिया।

एयर शो देखने के लिए नवा रायपुर जाने वाली सड़क पर भीड़ उमड़ गई है। बड़ी संख्या में लोग वाहनों से पहुंच रहे हैं। सूर्यकिरण की टीम के विमानों ने जब एक साथ उड़ान भरकर तिरंगा बनाया तो पूरा माहौल देशभक्ति से भर गया। नौ विमानों की सटीक समन्वय और गति देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए। यह दृश्य छत्तीसगढ़ राज्योत्सव की सबसे बड़ी आकर्षण बन गया।

दरअसल, सूर्यकिरण टीम के एयर शो को देखने के लिए नवा रायपुर की सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। तेलीबांधा से सेंध लेक तक लगभग 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। आम लोगों के साथ-साथ वीआईपी वाहन भी जाम में फंसे रहे। एयरपोर्ट से सत्य साई हॉस्पिटल तक वाहनों की रफ्तार बेहद धीमी रही, जिससे कई दर्शकों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में कठिनाई हुई। लोग तो पहुंच भी नहीं पाए।




































