CHANDIGARH NEWS. हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अफसर वाई पूरन कुमार के खुदकुशी केस में बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में प्रदेश के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, 2 पूर्व डीजीपी, पूर्व सीएस समेत 13 अफसरों पर केस दर्ज हुआ है। आरोपियों में 9 मौजूदा आईपीएस और 3 रिटायर्ड आईएएस शामिल हैं। आईजी रैंक के अधिकारी कुमार ने 8 पेज के सुसाइड नोट में इन पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। नेशनल एससी कमीशन ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और डीजीपी से 7 दिन में कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
चंडीगढ़ सेक्टर-11 थाना पुलिस ने आरोपियों पर बीएनएस की धारा 108, धारा 3(5) के अलावा एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) व पीओए एससी/एसटी एक्ट भी लगाया है। मामला पीएमओ और गृह मंत्रालय तक भी पहुंचा। वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट को फाइनल नोट का नाम देते हुए उसमें अगस्त 2020 से अब तक चले आ रहे उत्पीड़न का सिलसिलेवार जिक्र किया और सरकारी स्तर पर अधिकारियों के साथ किये गये पत्र व्यवहार का पूरा ब्योरा दर्ज किया।
आरोपियों में डीजीपी शत्रुजीत कपूर के अलावा पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल, पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा, एडीजीपी संदीप खिरवार, एडीजीपी अमिताभ ढिल्लों, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर संजय कुमार, एडीजीपी माटा रवि किरन, पंचकूला पुलिस आयुक्त सिबास कबिराज, अम्बाला रेंज के आईजी पंकज नैन, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया, आईपीएस कला रामचंद्रन शामिल हैं। वहीं, सुसाइड नोट के आधार पर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, आईपीएस कुलविंद्र सिंह के नाम का भी जिक्र है।
पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा कि अगस्त 2020 से हरियाणा के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जारी जाति आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार का सिलसिला चला आ रहा है, जो अब असहनीय हो गया है। वाई पूरन कुमार के सुसाइड नोट का मूल यही था कि उन्हें विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर बैठके आइएएस और आइपीएस अधिकारियों ने बार-बार प्रताड़ित किया और सरकार के हस्तक्षेप के बाद भी यह उत्पीड़न बंद नहीं हो पाया।
वहीं, इस मामले पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस और आप सहित सभी दलों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पूरन कुमार की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक जहर का प्रतीक है, जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है। इसी बीच, हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने कुमार की पत्नी सीनियर आईएएस अमनीत पी कुमार से मिलकर संवेदना जताई। वहीं, कार्रवाई में देरी होने पर दलित समुदाय के आईएएस-आईपीएस अफसरों ने सीएम के समक्ष नाराजगी भी जताई थी।