JABALPUR NEWS. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने मझौली स्थित प्रसिद्ध विष्णु वराह मंदिर की हालत और अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति द्वारिकाधीश बंसल की युगलपीठ ने सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है।
यह याचिका शहर के श्रवण कुमार सोनी ने जनहित में दायर की है। उन्होंने बताया कि यह मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित यह एकमात्र मंदिर माना जाता है। इस मंदिर की स्थापना 11वीं शताब्दी में हुई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रशासन मंदिर के संरक्षण और रखरखाव पर ध्यान नहीं दे रहा है।
उपेक्षा के कारण इस मंदिर की ऐतिहासिक गरिमा कम होती जा रही है। मंदिर 17–18वीं शताब्दी में पुनर्निर्मित हुआ था। मगर, इसका शिखर मूल रूप में नहीं है। मंदिर पूरबमुखी है और बाहरी दीवारों व परकोटे पर प्राचीन मूर्तियां जड़ी हुई हैं। द्वार के सामने दशावतार अंकित स्तंभ है। प्रवेश द्वार की शाखाओं पर मकर वाहिनी गंगा और कच्छप वाहिनी यमुना के चित्र हैं।
बीच में योग नारायण पद्मासन में बैठी मूर्ति है और दोनों ओर नवग्रह के देवता बने हैं। लकड़ी के कपाटों पर देव अलंकरण है। गर्भगृह वर्गाकार है, जिसमें 11वीं शताब्दी की खड़ी विशाल यज्ञ वराह प्रतिमा है, जिसके नीचे चौकी पर अमृतघट धारण किए शेषनाग और उनके पीछे पत्नी की आकृति है।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग– जबलपुर का निकटतम हवाई अड्डा दुमना एयरपोर्ट शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। यहां से मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे, नागपुर, भोपाल और इंदौर के लिए सीधी उड़ानें मिलती हैं।
रेल मार्ग– जबलपुर मध्य भारत का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यहां मध्य रेलवे का क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय भी है। यह स्टेशन दिल्ली, मुंबई, पुणे, हैदराबाद, वाराणसी, आगरा, भोपाल, इंदौर, नागपुर, जम्मू, रायपुर, इलाहाबाद, पटना, हावड़ा, गुवाहाटी और जयपुर जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है। यह मुंबई-हावड़ा रेल लाइन पर स्थित है और अधिकांश महत्वपूर्ण ट्रेनें यहां रुकती हैं।
सड़क मार्ग– जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 7 पर स्थित है, जो वाराणसी को कन्याकुमारी से जोड़ता है। यह शहर नागपुर, भोपाल, रायपुर और खजुराहो जैसे प्रमुख स्थानों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा है।