PATNA NEWS. बिहार में एक बार फिर लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व शुरू होने जा रहा है। विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान सोमवार को चुनाव आयोग ने कर दिया। इस बार राज्य में दो चरणों में मतदान होगा। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को। 14 नवंबर को मतगणना होगी और इसी दिन तय हो जाएगा कि राज्य की सत्ता पर कौन काबिज होगा।चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है। इसके बाद अब किसी भी नई सरकारी योजना या घोषणा पर रोक लग गई है।
चुनाव आयोग जल्द ही नामांकन की अधिसूचना जारी करेगा। इसके बाद उम्मीदवार नामांकन दाखिल करेंगे। स्क्रूटनी और नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य में प्रचार का शोर गूंजने लगेगा। राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार अभियान की रणनीति तय कर ली है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अभियान तेज़ हो चुके हैं, वहीं नेताओं की सभाएं और रोड शो भी जल्द शुरू होंगे। इस बार आयोग ने डिजिटल माध्यमों से प्रचार पर जोर दिया है ताकि खर्च पर नियंत्रण रखा जा सके और आम मतदाताओं तक सीधा संदेश पहुँचे।
सुरक्षा और व्यवस्थाओं की तैयारी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, बिहार के सभी 38 जिलों में मतदान केंद्रों की सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है। राज्य में एक लाख से अधिक मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें से कई पर वेबकास्टिंग और CCTV निगरानी की व्यवस्था होगी। ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) की जांच का काम शुरू हो चुका है। संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। मतदाताओं की सुविधा के लिए व्हीलचेयर, रैंप, पानी और शौचालय की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।
राजनीतिक हलचल तेज
चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद बिहार की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है। एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही मोर्चों ने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। एनडीए खेमे में भाजपा और जदयू सीट बंटवारे को लेकर बैठकें कर रही हैं, वहीं इंडिया गठबंधन में राजद, कांग्रेस और वाम दल रणनीति पर चर्चा में जुटे हैं। इस बार महिला, युवा और प्रथम बार वोट देने वाले मतदाता सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्य मुद्दे और माहौल
राज्य में बेरोज़गारी, महंगाई, शिक्षा, कानून-व्यवस्था और बाढ़ राहत जैसे मुद्दे इस बार चुनावी बहस के केंद्र में रहेंगे। ग्रामीण इलाकों में बिजली, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भी बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस चुनाव में स्थानीय मुद्दों और चेहरे दोनों की परीक्षा होगी।
चुनाव आयोग की अपील
आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे बिना किसी दबाव के निष्पक्ष मतदान करें। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा हमारा लक्ष्य है कि हर मतदाता स्वतंत्र रूप से वोट दे सके। शांति, पारदर्शिता और विश्वसनीयता हमारी प्राथमिकता है।