KOLKATA NEWS. पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में भारी बारिश हो रही है। इस बीच, दार्जिलिंग में तेज बारिश के बाद 7 जगह लैंडस्लाइड हो गई। मिरिक-सुखियापोखरी रोड के किनारे ढलान पर पहाड़ी का हिस्सा ढह गया। हादसे में कई घर टूट गए। अब तक 13 लोगों की मौत हुई है। इससे सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया है। लैंडस्लाइड के बाद रोड पर मलबा आने से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है। वाहनों की आवाजाही और आसपास के कई इलाकों में कम्यूनिकेशन टूट गया है। उधर मिरिक में एक लोहे का पुल भी टूट गया है।
भारी बारिश के कारण तीस्ता नदी उफान पर है। तीस्ताबाजार के पास बलुखोला में पानी भर जाने से सिलिगुड़ी को सिक्किम और कालिम्पोंग से जोड़ने वाला हाईवे पूरी तरह बंद हो गया है। दार्जिलिंग शहर का भी कई हिस्सों से संपर्क टूट गया है। इस दौरान मिरिक से सुखियापोखरी जाने वाली रोड भी धंस गई है। दार्जिलिंग में तेज बारिश के बाद पहाड़ से गिरा मलबा सड़क पर आ गया।
पुल के टूटने से हादसा हुआ, पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। दार्जिलिंग में लैंडस्लाइड के बाद आसपास के बाजार में मलबा आ गया। कई गाड़ियां भी दब गईं। रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल से शवों को बाहर निकाला। स्थानीय लोगों ने मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। अरब सागर में उठा पहला चक्रवात शक्ति गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है।
मौसम विभाग ने शनिवार को बताया कि यह तूफान गुजरात के द्वारका से 420 किमी दूर समुद्र में एक्टिव है। इसकी वजह से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। अगले 24 घंटे में यह पश्चिम-दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ेगा और अरब सागर के उत्तर-पश्चिम और मध्य हिस्सों तक पहुंचेगा। सोमवार से पूर्वोत्तर की ओर जाने और कमजोर पड़ने की संभावना है।
इस तूफान के असर से गुजरात, उत्तर महाराष्ट्र में समुद्र उफान पर है। महाराष्ट्र में भी तूफान शक्ति का असर दिखने लगा है। मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए चक्रवात की चेतावनी जारी की गई है। 7 अक्टूबर तक उत्तरी कोंकण के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी भारी बारिश हो सकती है। मछुआरों को 7 अक्टूबर तक गुजरात और महाराष्ट्र में तटों पर अरब सागर में नहीं जाने की चेतावनी है।
वहीं, IMD ने महाराष्ट्र के कई जिलों में 7 अक्टूबर तक भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई की है। गोवा के निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना है। महाराष्ट्र सरकार ने साइक्लोन शक्ति को लेकर अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किए हैं। जिला प्रशासन को डिजास्टर मैनेजमेंट सिस्टम एक्टिव करने, तटीय और निचले इलाकों में नागरिकों को निकालने की प्लानिंग और उनके लिए एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।