NEW DLEHI NEWS. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने एक बड़ी राहत दी है। UIDAI ने 7-15 वर्ष के बच्चों के आधार के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट के सभी शुल्क माफ कर दिया है। यूआईडीएआई ने बताया कि शुल्क माफी 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गई है। यह एक वर्ष तक लागू रहेगी। इस कदम से छह करोड़ बच्चों को लाभ होने की संभावना है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक, आधार में निःशुल्क बायोमेट्रिक अपडेट से बच्चों की शिक्षा, छात्रवृत्ति और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं तक पहुंच आसान होगी।
बता दें कि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के आधार नामांकन के लिए फिंगरप्रिंट और आईरिस बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते क्योंकि उस आयु तक ये परिपक्व नहीं होते। मौजूदा नियमों के अनुसार, पांच वर्ष की उम्र के बाद बच्चों के फिंगरप्रिंट, आईरिस और फोटोग्राफ का आधार अपडेट अनिवार्य है। दूसरा अपडेट 15-17 वर्ष के बीच किया जाना आवश्यक है।
मौजूदा नियमों के अनुसार बच्चे के पांच वर्ष की आयु तक पहुंचने पर उंगलियों के निशान, आईरिस और फोटो को उसके आधार में अपडेट करना अनिवार्य है। इसे पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (Mandatory Biometric Update) कहा जाता है। इसी तरह, एक बच्चे को 15 वर्ष की आयु तक पहुंचने पर एक बार फिर से बायोमेट्रिक्स अपडेट करने की आवश्यकता होती है, जिसे दूसरा एमबीयू कहा जाता है।
दरअसल, पहला और दूसरा एमबीयू, यदि क्रमशः 5-7 और 15-17 वर्ष की आयु के बीच किया जाता है, तो इस प्रकार नि: शुल्क हैं। इसके बाद, 125/- रुपये प्रति एमबीयू का निर्धारित शुल्क लिया जाता है। इस निर्णय के साथ, एमबीयू अब 5-17 आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए प्रभावी रूप से मुफ्त है। इससे करीब देशभर करीब के 6 करोड़ बच्चों को लाभ मिल सकेगा।
अपडेट बायोमेट्रिक के साथ आधार जीवन को आसान बनाता है और स्कूल में प्रवेश, प्रवेश परीक्षाओं के लिए पंजीकरण, छात्रवृत्ति का लाभ उठाने, डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) योजनाओं आदि जैसी सेवाओं का लाभ उठाने में आधार के निर्बाध उपयोग को सुनिश्चित करता है। माता-पिता/अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे प्राथमिकता के आधार पर अपने बच्चों/बच्चों के बायोमेट्रिक्स को अपडेट करें।