RAIPUR NEWS. राजधानी के सराफा मार्केट सदर बाजार में लूट की कहानी झूठी निकली। यह खुलासा खुद कारोबारी ने पुलिस पूछताछ में किया है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि जुए-सट्टे में तगड़ी रकम गवां चुका था और देनदारी से बचने के लिए 1.29 करोड़ रुपए लूट की कहानी गढ़ी थी। दरअसल, कारोबारी राहुल गोयल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें बंधक बनाकर 86 किलो चांदी के जेवर लूट लिए गए। दो नकाबपोश लुटेरे आधी रात करीब 3 बजे कारोबारी के घर पहुंचे थे। कारोबारी का नाम लेकर दरवाजा खटखटाया और कारोबारी ने जब दरवाजा खोला तो लुटेरों ने कट्टा तान दिया।
इसके बाद राहुल के मुंह में रूमाल रख दिया और कारोबारी को कमरे के भीतर ले जाकर रस्सी से बांध दिया था। इसके बाद लुटेरों ने जेवर दो बैग में भरे और बालकनी से रस्सी के सहारे नीचे उतरकर भाग गए। लुटेरे डीवीआर भी साथ ले गए थे। शुक्रवार की सुबह 10 बजे कारोबारी को होश आया तो किसी तरह हाथ खोलकर पड़ोसी के घर गए और घटना की जानकारी दी। इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है।
अलीगढ़ (यूपी) के रहने वाले कारोबारी ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि रायपुर में मेरी शिवा ट्रेडर्स नामक कंपनी है। मैं आगरा की एक कंपनी के सीएफए के रूप में चांदी के जेवर लेकर रायपुर आता हूं और कारोबारियों को बेचता हूं। इसके एवज में मुझे प्रति किलो 500 रुपए कमीशन मिलता है। दिवाली के लिए मैं 200 किलो चांदी लेकर रायपुर आया था। उसमें से 100 किलो चांदी वापस आगरा भिजवा दिया। वहीं 14 किलो चांदी की बिक्री हो चुकी थी, जबकि 86 किलो चांदी का ऑर्डर बाकी था।
शिकायत में बताया था कि शुक्रवार रात 11 बजे मैं भोजन कर सो गया। रात करीब 3 बजे दरवाजा खटखटाने की आवाज सुनकर नींद खुली। बाहर आया तो किसी ने मेरा नाम पुकारा और दरवाजा खोलने को कहा। मेरे पड़ोस में दो कारोबारी आगरा के ही हैं। मैंने सोचा कि वे होंगे और दरवाजा खोल दिया। बाहर दो नकाबपोश खड़े थे, जिनमें से एक भीतर आया और सीधे कट्टा तान दिया। मैंने विरोध किया तो दूसरे नकाबपोश ने चाकू से हमला किया और मुंह को रूमाल से दबा दिया। रूमाल में अजीब सी गंध आ रही थी और मैं बेहोश हो गया था।
इसलिए पुलिस को शक था
इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी के साथ क्राइम ब्रांच और फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम मौके पर पहुंची। सीसीटीवी कैमरे से अब तक कोई फुटेज नहीं मिला। इस दौरान कई कैमरे बंद मिले हैं। फ्लैट में फुटप्रिंट या फिंगरप्रिंट भी नहीं मिले। डॉग फिर भटक गया। पड़ोसियों ने भी न किसी की आवाज सुनी और न ही किसी को भागते देखा। इसलिए पुलिस को शक हुआ और जांच में तेजी लाई। पूछताछ के बाद रात में खुलासा कर दिया।