सुनील यादव
JAGDALPUR NEWS. बस्तर दशहरे में शामिल होने आए देश के गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दशहरा के मुरिया दरबार में स्थानीय प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार बस्तर के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है और 31 मार्च 2026 तक बस्तर के हर गांव में बिजली पानी सड़क पहुंचे, इसके लिए वह पूरी शिद्दत से कम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद का खात्मा तय समय पर तय है और इसके लिए आम लोगों को भी मिलकर काम करने की जरूरत है, जिससे बस्तर का विकास हो सके।
JAGDALPUR NEWS. बस्तर दशहरे में शामिल होने आए देश के गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दशहरा के मुरिया दरबार में स्थानीय प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार बस्तर के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है और 31 मार्च 2026 तक बस्तर के हर गांव में बिजली पानी सड़क पहुंचे, इसके लिए वह पूरी शिद्दत से कम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद का खात्मा तय समय पर तय है और इसके लिए आम लोगों को भी मिलकर काम करने की जरूरत है, जिससे बस्तर का विकास हो सके।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे लोग जो भटक कर माओवादियों के साथ चले गए हैं, उनसे वापस लौटकर मुख्य धारा में आने के लिए प्रयास करने की जरूरत है, जिससे वह मारे ना जाए। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझे अब तक मालूम था कि भगवान जगन्नाथ का रथ काफी मुश्किलों से बनता है, लेकिन बस्तर दशहरे के रथ का निर्माण प्रक्रिया आज भी सबसे मुश्किल है, जिस तरह से बस्तर के लोग दशहरे में आस्था रखते हैं वह महत्वपूर्ण है।

गृहमंत्री ने बस्तर को नक्सली मुक्त करने के लिए आम लोगों से आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बस्तर विकसित क्षेत्र बनकर उभरेगा। स्वदेशी को लेकर भी उन्होंने कहा कि हर व्यापारी और दुकान संचालकों को यह कोशिश करनी चाहिए कि उनके दुकान में विदेशी सामान उपलब्ध न हो स्वदेशी के इस्तेमाल से राष्ट्र सर्वशक्तिमान बन सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बस्तर दशहरा मेले के दौरान कहा कि इस मेले का सांस्कृतिक महत्व वैश्विक है और केंद्र‑सरकार व राज्य सरकार मिलकर बस्तर को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाएंगी। मेले में अपने संबोधन में उन्होंने नक्सलवाद के खत्म करने, स्थानीय विकास और कई कल्याणकारी घोषणाओं पर ज़ोर दिया।

अमित शाह ने कहा, “विश्व में सबसे लंबे चलने वाले बस्तर दशहरे में मैं आया हूं। बस्तर मेला सिर्फ आदिवासियों के लिए नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ और भारत के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण मेला है।” उन्होंने सुबह माता दंतेश्वरी का दर्शन कर आशीर्वाद लिया होने का भी उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने मां से “31 मार्च 2026 तक पूरे बस्तर को लाल आतंक से मुक्त करने” की शक्ति देने का आशीर्वाद माँगा है।
अमित शाह के संबोधन के मुख्य बिंदु
• विकास गारंटी और लक्ष्य — शाह ने मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर भरोसा जताते हुए कहा कि “नए समय पर मोदी की गारंटी पूरी करेगी सरकार” और 31 मार्च 2026 तक हर गांव में बिजली और पीने का पानी पहुँचाने का लक्ष्य दोहराया। उन्होंने कहा, “31 मार्च 2026 के बाद यह नक्सली आपके विकास को नहीं रोक पाएंगे।”

• नक्सलवाद निवारण व सरेंडर पॉलिसी — उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की सरेंडर नीति की तारीफ की और बताया कि नक्सली‑मुक्त गांवों को राज्य सरकार 1 करोड़ रुपए देती है। शाह ने कहा कि “छग सरकार ने सबसे अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है” और एक ही साल में 500 से अधिक लोगों के सरेंडर की बात भी कही। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटें और परिवारों को इस दिशा में समझाएं।
• कल्याण और आधारभूत सुविधाएँ — गृह मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार की नीतियों के चलते हर आदिवासी के घर में गैस, पीने का पानी, अनाज और स्वास्थ्य बीमा देने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि बस्तर के सातों जिलों में सरेंडर करने वाले नक्सलियों के परिजनों तथा नक्सल‑पीड़ितों के लिए आवास भी दिए गए हैं।
• आर्थिक कदम और स्वदेशी तंत्र — शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 395 चीजों पर टैक्स घटाकर रोजमर्रा की वस्तुओं पर 5 प्रतिशत कर रखा है, जो पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने स्वदेशी तंत्र अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। मेले में स्वदेशी जागरण मंच का स्वदेशी मेला भी लगा था और उन्होंने लोगों से घरेलू उपयोग में देशी उत्पाद अपनाने का संकल्प लेने को कहा।
• सांस्कृतिक पहलें — शाह ने मुरिया दरबार और बस्तर दशहरा की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुरिया दरबार के लोकतांत्रिक मूल्य पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं और “बस्तर ओलंपिक” में इस बार देश भर के आदिवासी भाग लेंगे। रथ निर्माण, पाट यात्रा, बेलपूजा, कुंवारी पूजा जैसी परंपराओं का विस्तार से वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि ये आयोजन आदिवासी समाज के विभिन्न जातियों को एक सूत्र में जोड़ते हैं।
• राज्य‑विकास और इंफ्रा — उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण बस सेवा शुरू की है जिससे ग्रामीणों की परेशानी कम होगी और “छग के विकास के लिए 4 लाख 40 हजार करोड़ दिया है” तथा राज्य का विकास तेज़ी से बढ़ रहा है।
• प्रतीकात्मक समर्थन — अमित शाह ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के पद पर आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मु को बैठाकर देश का गौरव बढ़ाया है और जब वे विदेशी प्रतिनिधियों से मिलती हैं तो हर किसी का सिर गर्व से ऊँचा होता है।
संदेश और अपील
शाह ने बार‑बार नक्सलवादी विचारधारा को डाँटते हुए कहा, “नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होगा” और मानव जीवन तथा विकास के अवसरों पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि जो बच्चे गुमराह होकर हथियार उठाए हुए हैं, उन्हें परिवार और समाज समझाकर हथियार छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही उन्होंने स्थानीय परंपराओं और संस्कृति को संरक्षित रखने पर ज़ोर दिया।
कार्यक्रम का सांस्कृतिक आयाम
गृह मंत्री ने रथ‑निर्माण की परम्परा पर भी टिप्पणी की और बताया कि बस्तर में माता दंतेश्वरी के रथ के निर्माण में अधिक समय लगता है। मेले में रथ निर्माण, फूल व्यवस्ता और बाजे‑विधि में कई जातियाँ जुड़ी हुई हैं, जो सांस्कृतिक समन्वय का परिचायक हैं।
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव ने कहा सरकार मोदी की गारंटी पर काम कर रही है और यह गारंटी है शत प्रतिशत पूरी हो इसके लिए सरकार ने समय सीमा तय कर रखी है। 31 मार्च 2026 तक अत्यंत नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भी मोदी की गारंटी पूरी की जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने मां दंतेश्वरी मंदिर में की पूजा-अर्चना
इसके पहले आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जगदलपुर स्थित बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उन्होंने मां दंतेश्वरी से देश और प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, बस्तर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, कोंडागांव विधायक लता उसेंडी, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, केशकाल विधायक नीलकंठ टेकाम, कांकेर विधायक आशाराम नेताम सहित जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।