KORBA NEWS. कोरबा जिले में स्थित बालको प्लांट में आज यानी 3 अक्टूबर को हादसा हो गया। दरअसल, प्लांट में 20 साल पुराना इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर (ESP) संयंत्र अचानक गिर गया। हालांकि इस हादसे के दौरान कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, इसलिए किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। वहीं, अब मलबा हटाने का काम किया जा रहा है। फिलहाल इस ताज़ा घटना पर विभागीय स्तर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन हादसे ने एक बार फिर से प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था और श्रम विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार प्लांट में सेपको कंपनी ने 2004-05 में बालको एल्यूमिनियम प्लांट में इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर (ESP) संयंत्र का निर्माण किया था। इसी दौरान अचानक इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर गिर गया और हड़कप मच गया है। स्थानीय कर्मचारियों का आरोप है कि उद्योगपतियों के दबाव में श्रम विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है, और सुरक्षा नियमों की अनदेखी हो रही है।
गौरतलब है कि 2009 में बालको प्लांट में एक बड़ा हादसा हुआ था जब निर्माणाधीन चिमनी गिर गई थी, जिसमें कम से कम 45 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराई गई कंपनियों में से एक सेपको के खिलाफ मामला अभी भी अदालत में चल रहा है।
फिलहाल ताजा मामले में संयंत्र प्रबंधन की की ओर से किसी तरह का कोई भी बयान सामने नहीं आया है। 15 फरवरी 2022 को प्लांट के ग्रीन एनोड सेक्शन में एक संविदा कर्मचारी मशीन के अंदर फंस गया और उसकी मृत्यु हो गई।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO) देश के सबसे बड़े एल्युमिनियम उत्पादक संयंत्रों में से एक है। 1965 में स्थापित यह कंपनी शुरू में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई थी, लेकिन वर्ष 2001 में भारत सरकार ने अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी वेदांता समूह को बेच दी। वर्तमान में 51% स्वामित्व Vedanta Limited और 49% भारत सरकार के पास है।