WASHINGTON NEWS. अमेरिका में बुधवार से शटडाउन लागू हो गया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी सीनेट से बजट (फंडिंग बिल) पास नहीं करा पाई। बिल के समर्थन में 55 जबकि विरोध में 45 वोट पड़े। बिल को पास कराने के लिए 60 वोट की जरूरत होती है। शटडाउन के कारण अमेरिका में लगभग साढ़े 7 लाख संघीय कर्मचारियों को छुट्टी (फरलाे) पर भेज दिया गया है। कई सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप हो गया है।
आशंका जताई जा रही है कि जिन साढ़े 7 लाख कर्मियों को अभी फरलो पर भेजा गया है, उनमें से लगभग 3 लाख की छंटनी भी हो सकती है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस आशय के संकेत दिए हैं। ट्रम्प की ओर से बुधवार देर रात फिर से फंडिंग बिल को सीनेट में पास कराने के लिए रखा गया, लेकिन इस बार बिल के समर्थन में 57 वोट ही पड़े।
ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ने बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी पर गतिरोध पैदा करने का आरोप लगाया है। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का आरोप है कि डेमोक्रट्स अमेरिका को आगे बढ़ता नहीं देखना चाहते हैं। शटडाउन से रोज 3500 करोड़ रु. के घाटे की आशंका है। उधर, डेमोक्रेट्स का कहना है कि ट्रम्प ओबामा हेल्थकेयर को दिसंबर से बंद करना चाहते हैं, इससे अमेरिका में फ्री हेल्थ स्कीम बाधित होगी।
हमारा विरोध इसी को लेकर है। अमेरिका में 6 साल बाद शटडाउन हुआ है। 2019 में ट्रम्प के समय अमेरिका का सबसे लंबा 35 दिन का शटडाउन हुआ था। अमेरिका में पिछले 50 साल में 20 बार शटडाउन हुआ है। बता दें कि फरलो पर गए कर्मियों को बाद में भुगतान किया जाता है।
अभी एजुकेशन के 87%, वाणिज्य के 81%, लेबर के 76%, हाउसिंग के 71% व कृषि के 49% कर्मियों को छुट्टी पर भेजा गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार यदि शटडाउन तीन सप्ताह तक चलता है तो बेरोजगारी की दर 4.3% से बढ़कर 4.7% होने की आशंका है।