LEH NEWS. लेह शहर में क्षेत्र को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा की मांग को लेकर अनशन सोनम वांगचुक ने अनशन शुरू किया था। हालांकि उन्होंने 24 सितंबर को अपना अनशन हिंसा शुरू होने के खत्म कर दिया था। लेकिन, यह हिंसा बड़ा रूप ले लिया है और अब सरकार भी एक्शन मं आ गई है। इसी बीच, पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है।
गिरफ्तारी के बाद सोनम वांगचुक को लेह एयरपोर्ट पर सभी औपचारिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद विशेष विमान से राजस्थान के जोधपुर लाया गया। जोधपुर पहुंचने के बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा और कई सुरक्षा वाहनों के कावेलकेड के जरिए हाई सिक्योरिटी जेल वार्ड में शिफ्ट किया गया, जहां सोनम वांगचुक 24 घंटे कड़ी सुरक्षा और सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे। वहीं, हालात के मद्देनजर लेह में इंटरनेट सेवा को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
लेह पुलिस के मुताबिक 24 सितंबर को प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने सोनम वांगचुक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की थीं, जिसके बाद उन्हें शुक्रवार (26 सितंबर) को गिरफ्तार कर लिया गया। 24 सितंबर को लेह शहर में अनियंत्रित भीड़ ने सुरक्षाबलों पर पथराव कर दिया। भीड़ ने सीआरपीएफ के एक वाहन को आग लगा दी. इतना ही नहीं, भाजपा कार्यालय और लेह की शीर्ष संस्था के कार्यालय में भी आगजनी हुई और लद्दाख के डीजीपी के वाहन को भी प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। इसमें चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने FCRA अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक सोनम वांगचुक का एफसीआरए पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द कर दिया। इधर, 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीतने वाले वांगचुक ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा था कि उनके गैर-लाभकारी संगठन ने विदेशी चंदा नहीं लिया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र, स्विस और इतालवी संगठनों के साथ व्यापारिक लेन-देन किए हैं और सभी करों का भुगतान किया है। वांगचुक ने कहा कि केंद्र सरकार ने इसे विदेशी चंदा समझ लिया, मैं इसे उनकी एक गलती मानता हूं और इसलिए मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है।