RAIPUR NEWS. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की हड़ताल पर राज्य सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। हड़ताल कर रहे 25 अधिकारी-कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। ये अपनी मांगों को लेकर 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इससे पूर्व 13 अगस्त को आयोजित कार्यकारिणी समिति की बैठक में 10 में से 5 मांगों पर सहमति व्यक्तकर आवश्यक आदेश जारी किए जा चुके थे, जबकि शेष मांगों पर शासन स्तर पर विचार-विमर्श जारी था। हड़ताल के दौरान विभिन्न स्तरों से बार-बार नोटिस जारी कर कर्मचारियों को कार्य पर लौटने के लिए कहा गया।
इसके बावजूद भी अधिकारी एवं कर्मचारी काम पर नहीं लौटे, जिससे अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुईं और मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि स्वास्थ्य िवभाग के सचिव अमित कटारिया ने 29 अगस्त को एक आदेश जारी कर सभी को काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए थे। आदेश का पालन न करने की स्थिति में उन्हें सेवा से पृथक किए जाने का उल्लेख भी आदेश में था।
ये भी पढ़ें: GST में अब सिर्फ दो 5% और 18% टैक्स स्लैब होंगे, जानिए क्या सस्ता क्या महंगा…इस तारीख से होगा लागू
इस पर छत्तीसगढ़ एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा कि जब तक नियमितीकरण, ग्रेड पे सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर लिखित आदेश जारी नहीं होगा, हमारी हड़ताल जारी रहेगी। हमारी मांगों के प्रति सांसद विजय बघेल और अन्य प्रतिनिधियों ने भी समर्थन किया है, इसके बाद भी सरकार कार्रवाई की चेतावनी दे रही है। जबकि सरकार को हमारी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक संज्ञान लेना चाहिए।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने राज्य के शासकीय कर्मचारियों के सेवा संबंधी विवादों के निवारण के लिए राज्य प्रशासनिक अभिकरण को फिर से शुरू करने की मांग की है। फेडरेशन ने कहा कि पहले रायपुर में एसएटी की स्थापना की गई थी, जो कर्मचारियों को जल्द व किफायती न्याय उपलब्ध कराने में उपयोगी थी। प्रशासनिक कारणों से इसका संचालन बंद कर दिया गया, जिससे कर्मचारियों को अपनी न्यायिक समस्याओं के निराकरण के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ रहा है। कर्मचारियों के हित में राज्य प्रशासनिक अभिकरण को फिर से संचालित किया जाना चाहिए।