RAIPUR NEWS. समग्र ब्राह्मण परिषद् छत्तीसगढ़ द्वारा सावन शुक्ल पक्ष की प्रदोष तिथि पर पुरानी बस्ती स्थित श्री महामाया देवी मंदिर के सत्संग भवन में बुधवार को 11,000 पार्थिव शिवलिंग निर्माण, रुद्राभिषेक पूजन और महाआरती का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन सनातन धर्म संरक्षण एवं जनकल्याण की भावना के साथ किया गया।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए परिषद की प्रदेश सचिव अर्चना दीवान एवं कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष पं. शैलेन्द्र रिछारिया ने बताया कि बीते तीन वर्षों से इस आयोजन को पारंपरिक रूप से किया जा रहा है। इस वर्ष बुधवार प्रातः 7 बजे से आयोजन की शुरुआत हुई, जिसमें श्रद्धालुओं ने “ॐ नम: शिवाय” का जाप करते हुए पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया। इसके लिए विशेष रूप से गाय के गोबर, गुड़, मक्खन, भस्म आदि को शोधित कर मिट्टी तैयार की गई थी।
बाद में इन सभी पार्थिव शिवलिंगों को सत्संग भवन में विधिवत स्थापित कर रुद्राभिषेक पूजन संपन्न हुआ। पूजन से पूर्व मंदिर परिसर में देवी-देवताओं की पूजा कर कलश स्थापना, गौरी-गणेश, नवग्रह एवं षोडश मातृका पूजन किया गया।
पूजन और रुद्राभिषेक का नेतृत्व आचार्य अभय शर्मा, मृगांक तिवारी, मृदुल तिवारी, प्रहलाद मिश्रा एवं सुरेंद्र शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी मंत्रों के सस्वर पाठ के साथ दूध, दही, घी, शर्करा, मधु एवं गंगाजल से रुद्राभिषेक संपन्न हुआ। तत्पश्चात भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार और महाआरती की गई।
प्रदेशाध्यक्ष डॉ. भावेश शुक्ला ने कहा कि बुध प्रदोष का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन शिव आराधना से संतान सुख, बुद्धि बल और जीवन की समस्त बाधाओं का निवारण होता है। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा यह आयोजन चौथे वर्ष भी श्रद्धा और परंपरा के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में प्रदेश मीडिया प्रभारी पं. उमाकांत तिवारी एवं रायपुर युवा परिषद् के जिलाध्यक्ष पं. विजय पांडेय ने बताया कि आयोजन में रायपुर के साथ-साथ दुर्ग, बालोद, बिलासपुर, छुईखदान से भी श्रद्धालु परिवार सहित शामिल हुए।
सांयकाल 4 बजे सभी शिवलिंगों की भव्य विसर्जन यात्रा निकाली गई, जो बाजे-गाजे व आतिशबाजी के साथ दूधाधारी मंदिर स्थित महाराजबंद तालाब तक पहुँची। वहाँ विधिवत रूप से शिवलिंगों का विसर्जन किया गया। अंत में सभी श्रद्धालुओं को भंडारे में प्रसादी वितरित की गई।
इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष पं. व्यास नारायण तिवारी, सचिव पं. दुर्गा प्रसाद पाठक, व्यवस्थापक पं. विजय कुमार झा, पं. उपेन्द्र शुक्ला, विजयशंकर अग्रवाल सहित अनेकों विद्वान, सेवाभावी सदस्य, महिलाएं और युवा श्रद्धालु उपस्थित रहे। आयोजन में पं. संजय शर्मा, पं. रामानुज तिवारी, पं. दीपक शुक्ला, श्रीमती प्रमिला तिवारी, श्रीमती स्वाति मिश्रा, पं. वैभव शर्मा, दिलीप अग्रवाल, मदन यदु सहित अनेक श्रद्धालुओं का सराहनीय सहयोग रहा।