BHUBANESWAR NEWS. छत्तीसगढ़ से सटे राज्य ओडिशा से एक बड़ी घटना सामने आई है। दरअसल, बालासोर एफएम कॉलेज में एक छात्रा ने यौन उत्पीड़न का खुलकर विरोध किया। यौन उत्पीड़न झेल रही छात्रा ने आखिरकार खुद को आग लगा ली, जिससे वह 95 फीसदी हिस्सा जल चुकी थी। हालांकि भुवनेश्वर के एम्स में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। बता दें कि छात्रा पिछले कुछ दिनों से यौन उत्पीड़न झेल रही थी, जिसके लिए उसने शिकायत भी की थी। जब छात्रा इस सबसे परेशान हो गई, तो आत्मदाह की कोशिश की। इसके बाद से ही प्रदेश में जगह-जगह पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं।
आत्मदाह के बाद 12 जुलाई 2025 को छात्रा को गंभीर हालत में भुवनेश्वर के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां पर उसका इलाज किया जा रहा था। हालांकि, इसी बीच डॉक्टर का बयान भी सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा कि लड़की की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इलाज के दौरान ही 14 जुलाई की रात में छात्रा ने दम तोड़ दिया। इससे पहले देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी पीड़िता का हालचाल लेने के लिए अस्पताल पहुंची थीं।
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एम्स भुवनेश्वर के बर्न सेंटर डिपार्टमेंट ने बताया कि छात्रा को वेंटिलेशन पर रखा गया था, जिसे दवाइयों के जरिए जिंदा रखने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन हर कोशिश करने के बाद भी उसको बचाया नहीं जा सका। वहीं, 14 जुलाई की रात 11:46 बजे उसे चिकित्सकीय रूप से मृत घोषित कर दिया गया। बता दें कि छात्रा की मौत 14 जुलाई की रात करीब 11:45 बजे हुई है। ओडिशा के मुख्यमंत्री चरण मांझी ने भी आरोपियों को सजा दिलाने का संकल्प लिया है।
बता दें कि बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज की एक छात्रा ने 11 जुलाई को कॉलेज के गेट पर आत्मदाह का प्रयास किया था। छात्रा ने कथित तौर पर विभागाध्यक्ष द्वारा उत्पीड़न सहन नहीं कर पाने के कारण अपने शरीर पर पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली, जो इंटीग्रेटेड बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। इससे पहले फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज के प्रधानाचार्य दिलीप घोष को बी.एड. छात्रा के खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने के बाद शनिवार को निलंबित कर दिया गया था। छात्रा ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न करने के मामले में उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
BJD प्रतिनिधिमंडल ने की राष्ट्रपति से मुलाकात
वहीं, बालासोर छात्रा आत्मदाह मामले में BJD के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। नेता सुलता देव के मुताबिक बीजद प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला। यह बहुत शर्मनाक है कि ओडिशा में महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ लगातार जुल्म हो रहे हैं। वहीं, बीजेडी नेता स्नेहांगिनी छुरिया का कहना है कि बालासोर पीड़िता की किसी ने नहीं सुनी। इसलिए उसने अपनी जान देने का फैसला किया। उन्होंने आगे कहा कि अब ओडिशा में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा ‘बेटी पढ़ाओ बेटी जलाओ में बदल गया है।