RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद खत्म करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। तो वहीं बस्तर में पेड़ों की कटाई हो रही है। इस बीच आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया का छत्तीसगढ़ दौरा हुआ है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों का विनाश देखना है तो छत्तीसगढ़ आ जाए। उनके इस बयान को राज्य सरकार के मंत्री मानसिक रूप से विचलित बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है।

छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल राज्य है। राजनीतिक पार्टियों की नजरें हमेशा इस वर्ग की ओर होती है। सत्ता में होती है तो आदिवासियों के विकास और विपक्ष में रहती है तो आदिवासियों के शोषण होने का आरोप लगाती हैं। आज यही आरोप आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने राज्य की भाजपा सरकार पर लगाए है।

उन्होंने कहा है देश में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का शोषण हो रहा है। आदिवासियों का विनाश देखना है तो छत्तीसगढ़ आ जाए। यहां भाजपा रबर स्टैंप आदिवासी चाहती हैं। उन्होंने 7 जुलाई से भाजपा के प्रशिक्षण शिविर पर भी निशाना साधते हुए कहा किया प्रशिक्षण कॉर्पोरेट लोगों के तलवे चाटने के लिए हो रहा है।

इन सभी आरोपों पर राज्य सरकार के मंत्री और भाजपा नेता हमलावर है। मंत्री रामविचार नेताम ने कहा विक्रांत भूरिया आदिवासी समाज का अपमान किए हैं। उन्हें अपना बयान वापस लेना होगा। मानसिक रूप से विचलित हो चले हैं। विक्रांत भूरिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

बस्तर से भाजपा सांसद महेश कश्यप का कहना है कि आदिवासियों के बारे में कांग्रेस कुछ बोले अच्छा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के विकास और उत्थान के लिए डबल इंजन की सरकार है। कांग्रेस की सरकार में बस्तर में आदिवासियों को काला पानी जैसी सजा मिलती थी।
डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कांग्रेस का आरोप बी बुनियाद है। 50 वर्ष में आदिवासियों के लिए जो काम नहीं हुआ वह मोदी सरकार में हुआ। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार आदिवासियों की विकास के लिए काम कर रही है। वहीं जंगलों की कटाई पर विपक्ष के आरोप से घिरी है। ऐसे में आरोप और प्रत्यारोप के बीच भाजपा की सरकार आदिवासियों के बीच अपनी क्या छाप छोड़ती है यह तो वक्त ही बताएगा।