JAGDALPUR/RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 18 ठिकानों पर छापे मारे हैं। जानकारी के अनुसार शराब घोटाले मामले में आज यानी 17 मई को ACB-EOW की टीमों ने सुकमा, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, अंबिकापुर और रायपुर में एक साथ छापेमारी की। 5 जिलों के करीब 18 ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है। इस दौरान जब्त दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
वहीं दंतेवाड़ा में कांग्रेस नेता राजकुमार तामो के घर ACB-EOW ने दबिश दी है। राजकुमार तामो को कवासी लखमा का करीबी माना जाता है। वहीं, सुकमा जिले में 4 स्थानों पर छापेमारी हुई है। इसमें जिला मुख्यालय के 3 और तोंगपाल के 1 स्थान पर कार्रवाई जारी है। इनमें हार्डवेयर और पेट्रोल पंप कारोबारी भी शामिल हैं। ये सभी व्यक्ति भी कवासी लखमा के नजदीकी बताए जा रहे हैं।
ये भी पढ़ें: बॉलीवुड की ये एक्ट्रेस बनेंगी यश की पत्नी! फिल्म रामायण में मंदोदरी का किरदार में आएंगी नजर
वहीं अंबिकापुर में भी कार्रवाई की गई है। यहां ACB-EOW की टीम ने कपड़ा व्यवसाय से जुड़ी फर्म धजाराम-विनोद कुमार के संचालकों के ठिकानों पर छापा मारा है। इस फर्म का नाम पहले भी चर्चित डीएमएफ (DMF) घोटाले में आ चुका है। इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। पहले भी ईडी (ED) और आयकर विभाग (IT) इन व्यापारियों पर कार्रवाई कर चुके हैं। फर्म के संचालक मुकेश अग्रवाल और विनोद अग्रवाल हैं, जिनके घरों पर शनिवार सुबह छापेमारी शुरू हुई।
बता दें कि चर्चित छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है। बता दें कि इससे पहले ED ने 28 दिसंबर को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था। 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया था. 21 जनवरी से लखमा रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।