RAIPUR NEWS. लंबे समय से आंदोलन कर रहे बर्खास्त 2,621 B.Ed सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। आज यानी 30 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में साय सरकार ने 2 हजार 621 .Ed सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी वित्त मंत्री OP चौधरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में तय किया गया कि योग्य (अहर्ता प्राप्त) बर्खास्त सहायक शिक्षकों को अब विज्ञान प्रयोगशाला सहायक के पदों पर समायोजित किया जाएगा। राज्य सरकार के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, न्याय और रोजगार के अवसरों को प्राथमिकता दे रही है।
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इस फैसले से उन शिक्षकों को नया जीवन मिलेगा, जिन्हें पहले बर्खास्त किया गया था लेकिन उनके पास शैक्षणिक योग्यता थी। बताया जा रहा है कि जो शिक्षक B.Ed की अहर्ता रखते हैं और पूर्व में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे, उन्हें अब विज्ञान प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
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इस कदम से इन शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद है। यह फैसला न सिर्फ न्यायसंगत है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। शिक्षा विभाग शीघ्र ही इस पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।
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बता दें कि नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में 126 दिनों तक चले बर्खास्त B.Ed सहायक शिक्षकों का आंदोलन 18 अप्रैल को खत्म हुआ था। सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात के बाद प्रदर्शनकारियों ने यह आंदोलन समाप्त किया था। इससे पहले शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन भी कराया था। अंगारों पर चलकर प्रदर्शन भी किया था।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 को आदेश दिया था कि B.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां केवल 11 अगस्त 2023 से पहले तक ही मान्य होंगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना के लिए D.Ed अभ्यर्थियों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की शरण ली और B.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां खारिज करने की मांग की। इस पर B.Ed प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने भी याचिका लगाई।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 10 दिसंबर 2024 को एक महत्वपूर्ण आदेश दिया कि प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए डीएड उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस फैसले के बाद बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया गया। इन शिक्षकों का कहना था कि सरकार ने भर्ती विज्ञापन में दोनों योग्यताओं को मान्यता दी थी, फिर बीएड शिक्षकों को बाहर करना अन्यायपूर्ण है।