RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर सर्वे शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के सीईओ ने प्रदेश के तमाम मुतवल्लियों और इंतजामिया कमेटी को पत्र लिखकर 7 दिनों के भीतर वक्फ बोर्ड के नाम पर मौजूद तमाम तरह की संपत्तियों का ब्योरा देने को कहा है। जानकारी मिलने के बाद वक्फ बोर्ड की तरफ से इन तमाम संपत्तियों का विवरण सेंट्रल सर्वर पर अपलोड किया जाएगा। वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इसे मुस्लिम समाज की बेहतरी की दिशा में उठाया गया कदम मान रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों के मुतवल्लियों के नाम से जारी ये आदेश छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. एस ए फारुकी की है। इस आदेश के जरिए उन्होंने तमाम मुतवल्लियों के अधीन आनेवाली हर तरह की वक्फ संपत्तियों की जानकारी मांगी है। इन संपत्तियों में मस्जिद, मदरसा, दरगाह, कब्रिस्तान, ईदगाह, खानकाह, इमामबाड़ा, ताजिया चौकी के साथ साथ मकान, दुकान, कृषि भूमि, स्कूल, प्लॉट, वक्फ अलल औलाद जैसी संपत्ति शामिल हैं।
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इन तमाम संपत्तियों से जुड़े राजस्व रिकार्ड, जैसे वक्फनामा, हिबानामा, वक्फ डीड, नजूल शीट की कॉपी वक्फ बोर्ड ने मांगी है। इसके लिए सात दिनों का समय दिया गया है। जारी आदेश में तमाम मुतव्लियों को शुक्रवार की नमाज के बाद मस्जिदों से बाकायदा ऐलान कराने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि समाज के किसी भी लोग के पास वक्फ संपत्ति को लेकर कोई जानकारी हो तो वो भी वक्फ बोर्ड तक पहुंचा सके।
अब सवाल यह है, कि आखिर ऐसी सर्वे की जरुरत क्यों पड़ी? जब कोई संपत्ति अल्लाह के नाम दान कर दी जाती है तो उसकी जानकारी वक्फ बोर्ड को ही क्यों नहीं है, जो उसे मुतवल्लियों से मांगना पड़ रहा है। राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज कहते हैं प्रदेश के कई मुतवल्लियों ने वक्फ संपत्तियों में जमकर लूट मचाई है। वक्फ यानी दान की गई संपत्तियों में कुछ की ही जानकारी वक्फ बोर्ड को दी, बाकियों का इस्तेमाल निजी मालिकाना हक जैसा किया। उसे अपने फायदे के लिए यूज किया। कई जगह तो इन संपत्तियों को बेच तक डाला गया। इसके चलते कई मुतव्लियों पर एफआईआर तक हुए हैं।
डॉ. सलीम राज कहते हैं, जब सारी संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन होगी, तो पारदर्शिता आएगी। इससे वक्फ बोर्ड को मिलने वाला फंड बढ़ेगा और इस फंड से समाज की गरीब, बेवा की बेहतरी के लिए काम हो सकेंगे।
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बहरहाल, वक्फ बोर्ड के आदेश को व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए भी मुतवल्लियों तक पहुंचा दिया गया है। बहुत जल्द इसे लेकर प्रदेश के तमाम कलेक्टर को भी निर्देश दिया जाएगा। अगर किसी मुतवल्ली ने वक्फ संपत्तियों की जानकारी छिपाई और वो वक्फ बोर्ड की जानकारी में आ गए, तो उसे शत्रु संपत्ति घोषित कर राजसात की कार्रवाई भी की जाएगी।