रायपुर। शासकीय अस्पताल में आश्चर्य में डालने वाला काम हुआ है। चिकित्सा स्टॉफ ने अपनी क्षमता का पूरा उपयोग कर अपनी श्रेष्ठता साबित की है। एक ही दिन में सात घंटे की कड़ी मेहनत कर 6 जिंदगियां बचाई है।
जी हां ऐसा हुआ है। बता दें कि किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में देखा जाता है कि सप्ताह में एक या दो सीजेरियन डिलीवरी होती है, लेकिन यदि किसी सीएचसी में एक साथ छह सीजेरियन हों और वो भी तीन इमरजेंसी तो यह चिकित्सा स्टॉफ का काबिलेतारीफ काम है।
जानकारी अनुसार दुर्ग जिले के पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शुक्रवार को छह सीजेरियन की गई हैं। तीन मामले तो इमरजेंसी थे, जिनकी डेट निकल गई थी और बच्चे पर आफत थी। बेहद जटिल इन ऑपरेशनों को पूरी तन्मयता के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया गया। ऐसा संयोग अब तक शायद किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ हो। सीएचसी स्तर के अस्पताल में ऐसा होना सुखद संदेश जाता है। ऐसा होना यह भी भरोसा जगाती है कि कस्बाई और ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं के मुकम्मल इंतज़ाम पहुंच रहे हैं।
तीन का किए थे प्लान कि तीन और आ गए
पाटन के खंड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) डॉ. आशीष शर्मा के अनुसार हमने तीन हाई रिस्क इलेक्टिव ऑपरेशन पहले ही प्लान किए हुए थे। अचानक ही तीन और मामले आ गए। हमारा मेडिकल स्टॉफ आश्वस्त था कि वे ये काम सफलतापूर्वक संपन्न कर लेंगे। डॉक्टरों और ओटी स्टॉफ की लगातार सात घंटों की कड़ी मेहनत से सभी छह महिलाओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है।
संकल्पित डॉक्टरों और समर्पित मेडिकल स्टॉफ से ही संभव
मामले में डॉ. शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे मेडिकल स्टॉफ के लिए आज बड़ा दिन है। एक साथ छह सीजेरियन डिलीवरी शायद ही किसी सीएचसी में अब तक हुई होगी। यहां सभी सुविधाएं जुटाई जा रही है। ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित होने के बाद बहुत सी समस्याएं हल हो गई हैं। संकल्पित डॉक्टरों और समर्पित मेडिकल स्टॉफ के कारण हम यहां बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहे हैं।
ऐसी बनी स्थिति को संभाला
डॉक्टर ने जानकारी दी कि एक ग्रामीण अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी की पहले सीजेरियन डिलीवरी हुई थी और इस कारण स्वाभाविक था कि यह डिलीवरी भी सीजेरियन ही होगी, लेकिन समय निश्चित नहीं हो पा रहा था। अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई और पाटन सीएचसी लाना पड़ा। उस दौरान डाक्टर यहां दूसरे ऑपरेशन में व्यस्त थे। बीएमओ ने हमें आश्वस्त किया कि किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। इस सीएचसी में सीजेरियन के लिए प्रशिक्षित मेडिकल स्टॉफ और उपकरण उपलब्ध है। डॉक्टरों और स्टॉफ की मेहनत से सुरक्षित प्रसव हो गया। डिलीवरी के बाद जच्चा और बच्चो दोनों स्वस्थ हैं।
अपने कर्तव्य पर जुटा रहा स्टॉफ
यहां कर्तव्य के प्रति पूरा स्टॉफ लगा रहा। पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आज सुरक्षित प्रसव कराने में लगातार सात घंटों तक सर्जन डॉ. कृष्णा डहरिया एवं उनकी ओटी टीम एसके दुबे, अनिता जोशी, रूपा सिन्हा, हेमलता, मनीष चंद्राकर, प्रदीप सिन्हा, आरएमए एवं अन्य चिकित्सा अधिकारी तथा पैरामेडिकल स्टॉफ ने कड़ी मेहनत की। इमरजेंसी में सेवाएं देने वाले लैब टेक्नीशियन सरस्वती वर्मा, सत्यम श्रीवास, श्वेता भारद्वाज, आपातकालीन दवा प्रबंधन में लगे देशमुख, पोषण यादव, ओटी अटेंडेंट जितेंद्र, गिरिवर और वार्ड बॉय भरत के टीम वर्क से अस्पताल ने आज यह उपलब्धि हासिल की है।
(TNS)