RAIPUR. हादसों से बचने के लिए साय सरकार अलर्ट हो गई है। छत्तीसगढ़ में कोचिंग, स्कूल, हॉस्टल, अस्पताल, शॉपिंग मॉल व शैक्षणिक संस्थानों का सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने एक महीने के भीतर ऑडिट कराने के निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली के कोचिंग सेंटर जैसे हादसे न इसलिए सरकार ने ऐसा फैसला लिया है। सुरक्षा जांच के लिए निगम से लेकर नगर पंचायतों में समितियों का गठन होगा। समितियों में वरिष्ठ अभियंता, राजस्व विभाग के प्रतिनिधि, मुख्य नगर पालिका अधिकारी आदि अधिकारी शामिल होंगे।
आदेश में कहा गया है कि इन संस्थानों में नियमित रूप से निगरानी समिति जांच करेगी। ऑडिट में फायर फाइटिंग सिस्टम, फायर अलार्म आदि का परीक्षण किया जाना है। साथ ही बिल्डिंग सेफ्टी, सीसीटीवी, सुरक्षा स्टाफ सहित अन्य मानकों का बारीकी से पड़ताल किया जाना है। यह ऑडिट नगर-निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्रों में किया जाना है। ऑडिट के लिए गठित समिति को एक महीने के भीतर प्रतिवेदन संबंधित निकायों के कमिश्नरों को सौंपा जाना है।
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नए दिशा-निर्देश में कहा गया है कि स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, हॉस्टल, हॉस्पिटल, शॉपिंग मॉल, शो-रूम आदि संस्थानों के बेसमेंट का उपयोग सिर्फ पार्किंग के लिए किया जाएगा। बेसमेंट का उपयोग लाइब्रेरी, कक्षाएं, कारोबार, दफ्तर व अन्य गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा। साथ ही जल निकासी की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी है। कोचिंग संस्थानों की राष्ट्रीय भवन संहिता (एनबीसी) के आधार पर जांच की जानी चाहिए।
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इन बिंदुओ पर होगा ऑडिट
- फायर अलार्ट सिस्टम की स्थापना।
- आपातकालीन निकासी योजना, नियमित फायर ड्रिल्स।
- फायर हाइड्रेंट सिस्टम व पानी की उपलब्धता।
- भवन का नियमित निरीक्षण और संरचनात्मक सुरक्षा।
- बिजली उपकरणों व वायरिंग की नियमित जांच।
- लिफ्ट एवं सीढ़ियों की सुरक्षा एवं नियमित जांच।
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- भवन अनुज्ञा एवं भवन पूर्ण होने की स्थिति में भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र व स्वीकृति।
- आपातकालीन नंबर, स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं के लिए नियमित प्रशिक्षण।
- सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, नियमित निगरानी।
- सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम।